जबलपुर। बीते 5 सालों में राज्य सरकार ने छोटे मझोले व्यापारियों को क्या सहूलियत दी हैं. इसका उत्तर देगी उत्तर मध्य विधानसभा का चुनाव परिणाम. क्योंकि जबलपुर के इस विधानसभा क्षेत्र में बड़ी आबादी छोटे और मझोले व्यापार से जुड़ी हुई है. हालांकि पिछली बार राजनीतिक समीकरण की वजह से भारतीय जनता पार्टी हार गई थी. इस बार कैसा रहेगा चुनाव पेश है. आंकड़ों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट...
उत्तर मध्य विधानसभा के मतदाता:जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा 100% शहरी क्षेत्र वाली विधानसभा है. इसमें 210482 मतदाता रहते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में इनमें से 68. 64% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. धार्मिक आधार पर देखें तो मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 27662 है. वहीं, अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की संख्या 17488 है. लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में चर्चा में पंडित और जैन खासतौर पर हैं, जो जातिगत संख्या के आधार पर विधानसभा चुनाव के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र में पंडितों के वोट लगभग 35000 हैं. वहीं, जैन मतदाताओं की संख्या 25000 के लगभग है. मतदाताओं की संख्या के आधार पर इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा बड़ी तादाद अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की है. जिनके मतदाताओं की संख्या लगभग 70,000 है. इसमें भी यादव और साहू जाति के लोगों की संख्या ज्यादा है.
2018 का विधानसभा चुनाव:जबलपुर में उत्तर मध्य विधानसभा की चर्चा में 2018 का विधानसभा चुनाव एक टर्निंग प्वाइंट है. क्योंकि 2018 के पहले इस विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था और मात्र एक बार यहां से कांग्रेस जीत पाई थी. पहले इस विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के नेता ओंकार तिवारी लंबे समय तक विधायक रहे. फिर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शरद जैन का कब्जा 2003 से चला आ रहा था. 2003 में शरद जैन ने कांग्रेस के उम्मीदवार नरेश सराफ को हराया. 2008 में शरद जैन के खिलाफ कदीर सोनी चुनाव मैदान में उतरे उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा. 2013 में एक बार फिर कांग्रेस के नेता नरेश सराफ को टिकट मिला, लेकिन वे फिर से चुनाव हार गए और शरद जैन की जीत बरकरार रही. लेकिन 2018 के चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के एकाधिकार को खत्म कर दिया और विधानसभा क्षेत्र के बाहर के कांग्रेस प्रत्याशी विनय सक्सेना ने शरद जैन को बहुत कम अंतर से हरा दिया, जीत का अंतर 594 वोट रहा. विनय सक्सेना 50045 वोट हासिल कर पाए. जबकि शरद जैन को 49467 वोट मिले.
भाजपा नेता का विद्रोह:2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भर दिया था और इसकी वजह से 2018 का विधानसभा चुनाव जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा में त्रिकोणीय हो गया था. धीरज पटेरिया लंबे समय से राजनीति कर रहे थे और मध्य विधानसभा से टिकट मांग रहे थे. लेकिन भारतीय जनता पार्टी उन्हें लगातार हाशिए पर रखी हुई थी. 2018 के चुनाव में धीरज पटेरिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में फॉर्म भरा और 29 हजार 479 वोट लेकर उन्होंने उत्तर मध्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की नाव डूबा दी. धीरज पटेरिया को ज्यादातर वोट भारतीय जनता पार्टी के वोटर्स ने ही दिया था. हालांकि अब धीरज पटेरिया दोबारा से भारतीय जनता पार्टी में वापस आ गए हैं.
मुख्य मुद्दे:जबलपुर का उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र जबलपुर के सबसे पुराने इलाके को चिन्हित करता है. इस विधानसभा क्षेत्र में जबलपुर के लगभग सभी बड़े और पुराने बाजार हैं. इन बाजारों की एक सबसे बड़ी समस्या यातायात रही है. सड़कों पर बढ़ता हुआ यातायात ग्राहकों को दुकानों तक नहीं पहुंचने देता. इसकी वजह से उत्तर मध्य विधानसभा का सराफा व्यापार प्रभावित हुआ. सर्राफा व्यापारी बीते कई सालों से सड़कों के चौड़ीकरण और यातायात दुरुस्त करने की मांग करते रहे लेकिन बीते 5 सालों में इन सड़कों पर जाम के हालात नहीं सुधर पाए. उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र में ही कपड़े का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है इसमें सरकार का फोकस में सलवार सूट उद्योग था. क्योंकि इस व्यापार से जबलपुर के छोटे और बड़े एक लाख से ज्यादा कारोबारी जुड़े हुए थे. लोगों को उम्मीद थी कि सरकार इस उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए कोई काम करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उत्तर मध्य विधानसभा का यह व्यापार धीरे-धीरे अब अपनी पहचान होने लगा है.
पनप नहीं पाया सूट उद्योग: उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र में सलवार सूट उद्योग को नई पहचान देने के लिए एक व्यापारिक केंद्र भी बनाया गया. लेकिन इससे इस व्यापार को कोई बहुत लाभ नहीं मिल पाया. उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा इलाका नई कॉलोनियों का भी है और इसी पर कांग्रेस के विधायक विनय सक्सेना का ध्यान ज्यादा रहा. उन्होंने नई कालोनियों के भीतर बनी सड़क और उद्यानों पर ध्यान देते हुए उन्हें सुधारने की कोशिश की है इनमें ओपन जिम लगाए गए हैं जिससे लोगों को अपनी सेहत सुधारने का मौका मिला है. वहीं, इस इलाके में जलभराव की बड़ी समस्याओं पर भी कुछ काम हुआ है. बरसात में अब जलभराव की स्थिति है इलाकों में नहीं दिखती.