जबलपुर। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की तरफ से दायर की गयी याचिका में बताया गया कि साल 2009 से 2015 के बीच हुए प्रदेश के सैकड़ों पैरा मेडिकल कॉलेज ने छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया. पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों को प्रवेश दर्शाकर सरकार से करोड़ों रुपए की राशि छात्रवृत्ति के रूप में प्राप्त की थी. घोटाले के संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा जांच के आदेश दिये गये थे. जांच में घोटाले के आरोप सही पाये गये थे.
सरकार पर ठोका था जुर्माना :इसके बाद सरकार की तरफ से उक्त कॉलेजों से राशि वसूले का निर्णय लिया गया था. याचिका में कहा गया था कि छात्रवृत्ति घोटाला करने वाले कॉलेजों से राशि वसूलने के लिए किसी तरह की कार्रवाई राज्य सरकार नहीं कर रही है. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया था कि कई अवसर प्रदान करने के बावजूद सरकार की तरफ से जवाब पेश नहीं किया गया है. युगलपीठ ने 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाते हुए सरकार को जवाब पेश करने के लिए अंतिम समय प्रदान किया था. पूर्व में सरकार की तरफ से बताया गया था कि कई प्रकरण में इंदौर हाईकोर्ट ने राशि वसूली पर स्थगन आदेश जारी किये हैं.