जबलपुर| अघोषित बिजली कटौती के चलते बिजली अफसरों पर सरकार के द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है. इस दबाव के चलते एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक सुखबीर सिंह ने बिजली सप्लाई के आंकड़े जारी किए हैं. सुखबीर सिंह का कहना है चालू वित्तीय वर्ष अप्रैल और मई माह में पिछले साल की तुलना में 70 करोड़ यूनिट जो लगभग पूरी बिजली की 12% होती है, ज्यादा बिजली सप्लाई की गई है.
एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी का दावा, प्रदेश में 12% ज्यादा बिजली की हुई सप्लाई
बिजली अफसरों पर सरकार के द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है. इस दबाव के चलते एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक सुखबीर सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिजली सप्लाई के आंकड़े जारी किए हैं.
मानसून की वजह से प्रदेश के सभी फीडर में मेंटेनेंस के काम चल रहे हैं इसी वजह से कुछ जगहों पर बिजली की घोषित कटौती की जाती है. पावर मैनेजमेंट कंपनी का कहना है कि यदि मेंटेनेंस का काम नहीं किया गया तो मानसून के समय सही ढंग से बिजली नहीं दे सकेंगे. इस साल बिजली की अधिकतम मांग 14 हजार मेगावाट से अधिक दर्ज हुई थी, और इस मांग पर सफलतापूर्वक सप्लाई की गई है. वर्तमान में प्रदेश में बिजली की मांग लगभग साढ़े नौ हजार मेगावाट है जबकि पिछले साल यही मांग 8 हजार 6 सौ मेगावाट के ऊपर दर्ज हुई थी.
पावर मैनेजमेंट कंपनी का दावा है कि 25 जून तक मेंटेनेंस के काम पूरे हो जाएंगे. उसके बाद बिजली कटौती नहीं होगी. लेकिन बीते 10 महीने से मेंटेनेंस के काम नहीं हुए हैं और इसकी वजह से फाल्ट बनना शुरू हो गए हैं. यदि मेंटेनेंस का काम नहीं किया गया तो बारिश के मौसम में बिजली देना मुश्किल होगा.