जबलपुर। भारत धान का बड़ा उत्पादक देश है. भारत में इतना चावल बनाया जाता है कि वह अपनी जरूरत के बाद इसे विदेश में भी निर्यात करता है. भारत ने जब से चावल के निर्यात पर रोक लगाई है. उसके बाद से ही दुनिया भर में चावल के दाम बढ़ गए हैं. भारत सरकार ने यह सोचकर चावल के निर्यात पर रोक लगाई थी कि भारत की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके और भारत में रहने वाले लोगों को पर्याप्त अनाज मुहैया करवाया जा सके. भारत सरकार को चावल के निर्यात से बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा भी मिलती है. भारत से 25% बासमती चावल का निर्यात किया जाता है और 75% मोटे चावल का निर्यात होता है. जो कई गरीब देश बुलवाते हैं, लेकिन सरकार की इस मनसा पर कुछ निजी कंपनियों और अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. वह धान का रख-रखाव सही ढंग से नहीं कर रहे हैं और करोड़ों रुपए की धान बर्बाद हो रही है.
क्या होता है ओपन कैंप: जबलपुर भारत का एक बड़ा धान उत्पादक क्षेत्र है. यहां हर साल 1000 करोड़ से ज्यादा की सरकारी धान खरीदी की जाती है. जबलपुर में 2022 में सरकार ने 4.50 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था और 4.80 लाख टन धान खरीदी की गई थी. इसमें लगभग 380000 टन वेयरहाउस में रखी गई थी. बाकी लगभग 98000 टन धान को ओपन कैप में रखा गया था. वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एंड लॉजिस्टिक के जबलपुर के शाखा प्रबंधक एस आर निमोदा ने बताया कि ओपन कैप में 98700 मैट्रिक टन धान जबलपुर के सात स्थानों पर रखी गई थी.
इसमें हृदयपुर, बरखेड़ा, भरतपुर, बंदर कोला, तिलसनी, बीजापुर और दर्शनी में ओपन कैप बनाए गए थे. ओपन केप भंडारण का ऐसा तरीका होता है. जिसमें एक खुले स्थान पर कंक्रीट के प्लेटफार्म बनाए जाते हैं. इन प्लेटफॉर्मों के ऊपर धान को बोरों में भर के रखा जाता है और ऊपर से प्लास्टिक की कवर ढाका जाता है.
गो ग्रीन कंपनी के खिलाफ एफआईआर: इन सात ओपन कैप के रखरखाव का जिम्मा अहमदाबाद की गो ग्रीन नाम की कंपनी को सौंपा गया था. जब इन ओपन कैप से धान उठाई गई, तो लगभग 8000 मेट्रिक टन धान कम पाई गई. जिसकी कीमत लगभग 17 करोड़ रुपए बताई गई है. इस बारे में जब गो ग्रीन कंपनी से सरकार की एजेंसियों ने जानकारी चाही तो वह सही जानकारी नहीं दे पाए. इसके चलते वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन की ओर से गो ग्रीन कंपनी के खिलाफ थाने में एफआईआर करने का फैसला लिया गया है. वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक के अधिकारियों ने गो ग्रीन कंपनी के खिलाफ एक शिकायत पुलिस को दी है. जिसकी जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं.