जबलपुर। अगस्त महीने में शिवराज सरकार ने कैबिनेट में एक प्रस्ताव पारित किया था कि सितंबर में 1 मेगावाट तक के लोड वाले बिजली उपभोक्ताओं का बिजली बिल स्थगित कर दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों में कई बार कहा कि कई महिलाओं ने उनसे इस बात की शिकायत की कि वे कई महीनो से बिजली बिल नहीं दे पाई हैं. इसलिए उनके बढ़े हुए बिजली बिल माफ कर दिए जाएंगे. लेकिन कैबिनेट ने इन्हें स्थगित करने की बात कही है. अब बिजली बिल आ गए हैं. सब लोग भ्रमित हैं.
इंजीनियर भी चकराए :बिजली बिलों में लिखा है कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्थगित राशि. इसके बाद एक रकम लिखी हुई है, इसके नीचे लिखा है कि स्थगित राशि पर कोई सरचार्ज देय नहीं होगा. जबलपुर के पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहरी सर्कल के चीफ इंजीनियर सुजीत अरोड़ा का कहना है कि जैसा शासन से आदेश आया है, वैसा बिजली बिलों में लिखा गया है. इसका क्या मतलब है, वह भी नहीं समझ पा रहे हैं. हालांकि उनका कहना है कि बिजली बिल बहुत कम आए हैं. अब जो राशि इस पर लिखी हुई है, क्या वह बाद में वसूली जाएगी, इस पर उनका कहना है कि ऐसी उन्हें जानकारी नहीं है.