जबलपुर।इस पूरे घोटाले का खुलासा अधिवक्ता विशाल बघेल ने आरटीआई लगाकर किया था. बघेल के मुताबिक साल 2010 से 2014 तक प्रदेश के सैकड़ों पैरा मेडिकल कॉलेजों में एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति और ट्यूशन फीस में करोड़ों का घोटाला हुआ था. उन्होंने 2015 में जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. इसके बाद सरकार ने छात्रवृत्ति घोटाले की जांच लोकायुक्त को सौंप दी थी.
कोर्ट पहुंचा मामला तो शुरू हुई कार्रवाई :लंबे समय तक यह मामला दबाकर रखा गया लेकिन जनवरी 2022 में विशाल बघेल ने आरटीआई के माध्यम से घोटाले से जुड़े सभी तथ्यात्मक रिकॉर्ड निकाल कर एक बार फिर हाईकोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी. जब हाईकोर्ट से सरकार को नोटिस जारी हुआ तो वह फिर नींद से जागी और घोटालेबाजों से रिकवरी के लिए कमर कसी. दरअसल, बिना छात्रों का पंजीयन और एग्जाम दिलाये ही फर्जी नाम से रकम निकाली गई. घोटालेबाजों की लिस्ट में जबलपुर के नामीचीन क़ॉलेज शामिल हैं.
इन कॉलेजों के नाम :जबलपुर इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नालाजी कॉलेज, डॉ. राधाकृष्णन कॉलेज ऑफ पैरा मेडिकल एजुकेशन करमेता, सुभाषचंद्र बोस पैरा मेडिकल इंस्टीट्यूट कॉलेज, स्वामी विवेकानंद पैरा मेडिकल कॉलेज, बालाजी इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कॉलेज, बालाश्री इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कॉलेज, सेन्ट्रल इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नालॉजी कॉलेज, मीनाक्षी एकादमी ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेस कॉलेज, बंसल इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल कॉलेज, ए.पी.एन.पैरा मेडिकल महाविद्यालय सदर, विजयश्री एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस महाविद्यालय, एस.पी.आइ.पी.एम.टी. पैरा मेडिकल महाविद्यालय, सौर्य इंस्टीटूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कालेज, रेवांचल ज्ञान प्रबोधनी पैरा मेडिकल साइंस कालेज, निवारण इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कॉलेज, एम.एम.कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एंड पैरा मेडिकल साइंस कॉलेज, महाकौशल इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नालाजी कॉलेज, स्वास्तिक इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नालाजी कॉलेज तथा योगमणि इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस महाविद्यालय शामिल हैं.