जबलपुर।सागर जिले के खुरई में युवक को बंधक बनाकर रखने के मामले में न्यायालय ने थाना प्रभारी को केस डायरी पेश करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस डीके पालीवाल की एकलपीठ ने कहा कि यदि अगली सुनवाई तक केस डायरी पेश नहीं होती तो टीआई को स्वयं हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा. मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की गई है. खुरई, सागर निवासी अंशुल सिंह परिहार की ओर से अधिवक्ता अशोक चक्रवर्ती व राहुल देशमुख ने पक्ष रखा.
MP High Court युवक को बंधक बनाने के मामले में कोर्ट में थाना प्रभारी खुद पेश करें डायरी - सागर जिले के खुरई में युवक को बंधक
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले में पुलिस द्वारा केस डायरी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत ना करने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. इस मामले में थाना प्रभारी को केस डायरी पेश करने (Police station incharge present case diary) के निर्देश दिए हैं. जहां अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद नियत की गई है. मामला सागर जिले के खुरई में युवक को बंधक बनाने का है.
युवक को बंधक बनाने के मामले में सुनवाई
हर हाल में जांच होनी चाहिए :उन्होंने दलील दी कि अपीलकर्ता के विरुद्ध राजनीतिक दबाव के चलते एससी-एसटी एक्ट के तहत झूठा अपराध पंजीबद्ध किया गया था. इस मामले में हरिजन कल्याण थाना, खुरई की भूमिका भी संदिग्ध है. पूर्व में हाई कोर्ट ने इस मामले में संपूर्ण केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. मामले पर बुधवार को केस डायरी पेश नहीं की गई. लिहाजा, हर हाल में जांच होनी चाहिए.