जबलपुर।एमपी हाई कोर्ट नेराज्य सरकार द्वारा श्रम न्यायालय द्वारा पारित अवार्ड के खिलाफ 8 साल बाद अपील दायर किए जाने को गंभीरता से लिया है. जस्टिस जी एस आलुवालिया की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार को पदाधिकारियों के माध्यम से कार्य करना होता है. कभी प्रक्रियात्मक कार्य के कारण विलंब हो जाता है. 8 साल के बाद अपील दायर करने से पदाधिकारियों की लापरवाही उजागर होती है, वह फाइन रखकर सो गये थे.
2011 में हुआ था फैसला: श्रम न्यायालय द्वारा पारित अवार्ड के खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से 2022 में अपील दायर की गई थी. अपील की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि श्रम न्यायालय द्वारा कर्मचारी के पक्ष में जनवरी 2011 में पारित किया गया था. आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को 3 बार पत्र लिखा गया. इसके बावजूद भी उनकी तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई. पदाधिकारियों द्वारा 2019 में अपील दायर की स्वीकृति प्रदान की गई. कानूनी प्रक्रिया के तहत 9 लाख 17 हजार रुपए की राशि जमा की गई.