जबलपुर।छतरपुर के लवकुश नगर में एसडीएम के पद पर तैनात डिप्टी कलेक्टर बांगरे ने सरकार से संतान पालन के लिए अवकाश लिया था. इस दौरान आमला में अपने नवनिर्मित घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम और सर्वधर्म शांति सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्होंने अनुमति मांगी थी. सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें अनुमति नहीं दी, जिससे नाराज होकर उन्होंने इसी साल 22 जून को सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेज दिया था. याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया था कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 24 जनवरी 1973 को पारित मेमो के अंतर्गत सरकार को अधिकारी का इस्तीफे पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए. Deputy Collector Nisha Bangre
हाईकोर्ट ने पहले ये आदेश दिया :याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 30 दिनों के अंदर इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किये थे. निर्धारित अवधि गुजर जाने के बावजूद भी इस्तीफे पर सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लेने के खिलाफ डिप्टी कलेक्टर ने हाईकोर्ट की शरण ली. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के बताया गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ विभागीय जांच लंबित है और आरोप के संबंध में पीएससी की अनुमति भी आवश्यक है. याचिकाकर्ता की तरफ से विभागीय जांच में लगाये गये आरोप स्वीकार कर लिये गये हैं. इसके बावजूद उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. Deputy Collector Nisha Bangre