जबलपुर।राज्य सरकार द्वारा एफआईआर दर्ज करवाये जाने के बावजूद सीबीआई द्वारा एक अन्य व्यक्ति की शिकायत पर उसी मामले में फिर से एफआईआर दर्ज किये जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं. युगलपीठ ने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए 25 हजार रुपये की कॉस्ट भी लगाई है.
ये है मामला :याचिकाकर्ता प्रमोद शर्मा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वह सिवनी जिले से प्रकाशित एक अखबार के संपादक व प्रकाशक हैं. उनके द्वारा घोषित प्रतियों से कम प्रकाशित की शिकायत पर आयुक्त जनसंपर्क ने जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि उनके द्वारा मात्र 22 सौ प्रतियों का प्रकाशन किया जाता है. जांच के रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ प्रेस एंड बुक पब्लिकेशन एक्ट की धारा 3,12,14 तथा 15 सहित 420 के तहत प्रकरण दर्ज किया था.