जबलपुर।शुक्रवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस ने कई मामलों पर सुनवाई की. इनमें MP मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी अंक घोटाले में कमेटी ने अंतरिम रिपोर्ट पेश की. वहीं फर्म रजिस्ट्रेशन से संबंधित दो याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही पीएससी 2019 रिजल्ट को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
MP मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी अंक घोटाले में सुनवाई
मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में हुए अंक घोटाले व आर्थिक अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस केके त्रिवेदी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा अंतरिम रिपोर्ट पेश की गयी. अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षा संबंधित डाटा उन्हे उपलब्ध नहीं हो पाया है. हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल तथा जस्टिस एके शर्मा की युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को निर्धारित की है. बता दें कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में हुई अंक घोटाले,आर्थिक अनियमितताओं,भ्रष्टाचार को चुनौती देते हुए तीन जनहित याचिकाएं दायर की गयी थी.
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फर्म रजिस्ट्रेशन से संबंधित याचिका खारिज
सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन भारत में होने के बावजूद भी अध्यक्ष वेटिकन सिटी द्वारा नियुक्त किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गयी थी. याचिकाकर्ता भोपाल निवासी कैथोलिक पादरी डॉ आनंद मुत्तुगांल की तरफ से दायर की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि आर्चडीओसीज सोसाइटी ने फर्मा एण्ड सोसाइटी से रजिटर्ड है, इसके बावजूद भी सोसाइटी के अध्यक्ष की नियुक्ति वेटिकन सिटी द्वारा की जाती है. याचिका में कहा गया है कि फर्म का रजिस्ट्रेशन भारत में होने के कारण भारत के संवैधानिक नियमों का पालन किया जाना चाहिए. भारतीय नियमों का पालन करते हुए सोसाइटी के अध्यक्ष व पदाधिकारी की नियुक्ति होनी चाहिए. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस पी के कौरव ने पाया कि याचिकाकर्ता का उक्त संस्था से कोई संबंध नहीं है. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने के आग्रह किया, जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.
पीएससी 2019 रिजल्ट पर अनावेदकों को नोटिस
निरस्त नियमों के आधार परपीएससी के संशोधित नियमों के अनुसार पीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट घोषित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि उक्त नियम सरकार पहले ही निरस्त कर चुकी है.|याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस पीके कौरव ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांग है. याचिका पर अगली सुनवाई 8 फरवरी को निर्धारित की गयी है. याचिका में मांग की गयी थी कि पुराने नियमों के अनुसार प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के रिजल्ट घोषित किया जाये.
चार जिलों के कलेक्टर को एनजीटी बेंच का नोटिस
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मनाही के बावजूद भी मध्य प्रदेश के महानगरों में दीपावली पर्व के दौरान जमकर आतिशबाजी की गई. अब यह आतिशबाजी प्रशासनिक अधिकारियों ने पर भारी पड़ने जा रही है. एनजीटी की भोपाल बेंच ने इस मामले में इंदौर,जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर जिले के कलेक्टर्स के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं.
जिसमें पूछा है कि आखिर उन्होंने अपने जिलों में पटाखों पर प्रतिबंध का पालन क्यों नहीं करवाया,जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने यह जवाब मांगा है. अवमानना याचिका में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के मद्देनजर एनजीटी ने 27 अक्टूबर 2021 को खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स वाले जिलों में पटाखों को बैन करने जबकि बाकी प्रदेश में सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने के निर्देश दिए थे. (jabalpur high court news) (jabalpur high court hearing)