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चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस नेता उमंग सिंघार को हाई कोर्ट से राहत, देखें-क्या है मामला

Umang Singhar relief from HC : मध्यप्रदेश के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी तथा पूर्व मंत्री उमंग सिंघार को चुनाव प्रचार के दौरान मिली शराब के मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने पाया कि पुलिस मेमोरेंडम में याचिकाकर्ता के नाम का खुलासा नहीं किया. एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने के आदेश जारी किये हैं.

Congress leader Umang Singhar relief from HC
चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस नेता उमंग सिंघार को हाई कोर्ट से राहत

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 1:36 PM IST

जबलपुर।गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी उमंग सिंघार के अनुमति प्राप्त प्रचार वाहन क्रमांक जीजे 18 एएम 1920 में 257 लीटर शराब जब्त हुई थी. जिसका मूल्य लगभग 1 लाख 75 हजार रुपये था. गंधवानी पुलिस ने कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघार सहित सीताराम केशरिया तथा सचिन मूलेवा के खिलाफ आबकारी अधिनियम सहित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम धारा 120 बी,188 तथा 171 के तहत प्रकरण दर्ज किया. प्रकरण में आरोपी बनाये जाने के खिलाफ उमंर सिंघार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. Umang Singhar relief from HC

हाई कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाई :याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए उमंग सिंघार की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि जिस वाहन में शराब जब्त हुई, वह उनके चुनाव प्रचार में लगा हुआ था. वाहन में शराब रखे होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. वह कांग्रेस के प्रत्याशी हैं और उनकी छवि घूमिल करने के लिए उनके खिलाफ षडयंत्र के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. वाहन से जब शराब जब्त हुई, तब वह उपस्थित नहीं थे. इसके बावजूद प्रकरण में उन्हें आरोपी बनाया गया है. Umang Singhar relief from HC

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पुलिस ने नाम का खुलासा क्यों नहीं किया :पुलिस ने अपने मेमोरेंडम में उनके नाम का खुलासा नहीं किया था. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि मतगणना 3 दिसम्बर को होना है. इसके पहले याचिका पर सुनवाई की जाये. इस बात की प्रबल संभावना है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर वह कैबिनेट मंत्री बनाये जाएंगे. याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर करना चाहिये थी. अपराध जिस स्थान में घटित हुआ, वह इंदौर खंडपीठ के आधिकार क्षेत्र में आता है. याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि एमपी एमएलए के लिए मुख्य न्यायाधीश ने कोर्ट का निर्धारण किया है. एकलपीठ ने आपत्ति को खारिज करते हुए उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से विभोर खंडेलवाल ने पैरवी की. Umang Singhar relief from HC

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