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MP High Court आदेश का पालन नहीं करने पर नगर निगम कमिश्नर और बरेला CMO पर 10 हजार जुर्माना

जबलपुर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर अमल नहीं करने पर नगर निगम आयुक्त के साथ ही बरेला के सीएमओ पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मामला अतिक्रमण का है. कोर्ट ने आदेश का पालन कराने के लिए कई अवसर दिए लेकिन इन दोनों अफसरों ने लगातार लापरवाही बरती.

MP High Court
निगम कमिश्नर और बरेला सीएमओ पर 10 हजार जुर्माना

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Published : Feb 1, 2023, 7:56 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पेंटीनाका-बरेला मार्ग से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई. इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पाया कि कई अवसर देने के बावजूद भी उक्त मार्ग से अतिक्रमण नहीं हटाये गये. जिसे गंभीता से लेते हुए युगलपीठ ने नगर निगम आयुक्त व बरेला मुख्य नगर कार्यपालन अधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे :मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के वाइस चेयरमेन व जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी की तरफ से दायर अवमानना याचिका में कहा गया था कि सन् 2006 से अतिक्रमण के खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी. इसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अतिक्रमण को हटाने के आदेश पारित किए. न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी. जिसके कारण दिन-प्रतिदिन अतिक्रमण में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही और भी कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो रही हैं.

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आदेश का पालन क्यों नहीं किया :अवमानना याचिका में कहा गया कि उक्त रोड पर 80 फीट चौड़ी एवं फुटपाथ भी निर्मित होना था, लेकिन दुकानदारों द्वारा रोड पर ही दुकानें लगाई जा रही हैं. जिससे वहां निकलने वाले लोग उसी रोड पर गाड़ी खड़ी कर सब्जी, फल, गुटखा-पान आदि सब खरीदते हैं. जिससे आवागमन अत्यधिक प्रभावित होता है और ट्रैफिक समस्या बढ़ जाती है. अतिक्रमण से होने वाली गंदगी भी उसी रोड के किनारे डाल दी जाती है. जिससे दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. जिस पर न्यायालय ने वर्ष 2021 में नगर निगम आयुक्त और बरेला सीएमओ को आदेशित किया था कि अतिक्रमण को हटाकर रोड को आवागमन हेतु खाली कराया जाए, परंतु आज तक अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई नहीं की गई. कई अवसर देने के बावजूद भी आदेश का परिपालन नहीं होने पर युगलपीठ ने संबंधित अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता एवं रमाकांत अवस्थी ने पैरवी की.

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