जबलपुर। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि जबलपुर में नियम विरुद्ध प्राइवेट अस्पताल को संचालन की अनुमत्ति प्रदान की गई. कोरोना काल में विगत तीन साल में 65 निजी अस्पतालों को संचालन की अनुमति दी गयी है. जिन अस्पतालों को अनुमति दी गयी है, उनमें नेशनल बिल्डिंग कोड, फायर सिक्योरिटी के नियमों का पालन नहीं किया गया है. जमीन के उपयोग का उद्देश्य दूसरा होने के बावजूद अस्पताल संचालन की अनुमति दी है.
अस्पताल का भौतिक सत्यापन नहीं किया :बिल्डिंग का कार्य पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र नहीं होने के बावजूद अस्पताल संचालन की अनुमति प्रदान की गयी है. याचिका में कहा गया कि भौतिक सत्यापन किये बिना अस्पताल संचालन की अनुमति दी गयी है. अस्पतालों के मेडिकल व पैरामेडिकल सहित अन्य स्टाफ की जांच तक नहीं की गयी. बता दें कि पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान न्यू लाइफ हॉस्पिटल के मामले में सरकार की तरफ से रिपोर्ट पेश की गयी थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्पताल संचालन के लायसेंस के लिए निरिक्षण करने वाली तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी के सदस्यों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई.
तीन डॉक्टरों को सस्पेंड किया है :याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति व्यक्त करते हुए बताया गया था कि उक्त अस्पताल का निरीक्षण डॉ. एलएन पटेल, डॉ. निषेश चौधरी तथा डॉ. कमलेश वर्मा द्वारा किया गया था. उनकी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल संचालन का लायसेंस जारी किया गया था. शहर के सभी निजी अस्पतालों की जांच के लिए 41 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम में इन तीनों डॉक्टर को शामिल किया गया है, जिन्हें निलंबित किये जाने का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है. युगलपीठ ने निलंबन आदेश पेश करने के निर्देश जारी किये थे.