जबलपुर/शिवपुरी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि वेब सर्वर पर डॉक्टरों के डिजिटल हस्ताक्षर सहित रिपोर्ट उपलब्ध करवाने सरकार मॉड्यूल तैयार करने पर विचार-विमर्श जारी है. अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि मेडिको लीगल प्रकरण में पोस्टमॉर्टम, फॉरेंसिक सहित अन्य रिपोर्ट हस्तलिपि होती है. हस्तलिपि स्पष्ट नहीं होने के कारण उसे ठीक से पढ़ा नहीं जा सकता है. न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के दौरान मेडिको लीगल रिपोर्ट अहम साक्ष्य होता है. हस्तलिपि साफ नहीं होने के कारण रिपोर्ट के अर्थ का अनर्थ निकाल कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है. जिसका लाभ अभियुक्तों को मिलता है.
सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट पेश की :याचिका में राहत चाही गयी थी कि मेडिको व फॉरेंसिक सहित अन्य रिपोर्ट टाइप तथा डिजिटल माध्यम से न्यायालय में पेश की जाए. याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से लगभग 100 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई. युगलपीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए याचिका पर अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखा.