जबलपुर।जबलपुर-मंडला फोरलेन नेशनल हाईवे के निर्माण के दौरान नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHIA) ने कई किसानों की जमीन अधिग्रहण की थी. यहीं कटिया घाट के पास रोहित गुप्ता नाम के एक किसान की जमीन भी नेशनल हाईवे निर्माण के द्वारा अधिग्रहित की गई थी. उस समय इसका मुआवजा लगभग एक करोड़ था, लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने मुआवजा नहीं दिया. रोहित गुप्ता कई बार फरियाद लेकर एनएचआईए के अफसरों से मिले लेकिन कहीं से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला.
कोर्ट में ये दलीलें दीं :जब रोहित गुप्ता लंबे समय तक एनएचएआई के चक्कर काटते रहे और उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो उन्होंने इस मामले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका के रूप में पेश की. कोर्ट में बताया गया कि जिस समय यह जमीन अधिगृहीत की गई थी, उस समय जमीन के दाम कम थे. लेकिन इसके बाद भी लंबे समय तक किसान रोहित गुप्ता को पैसा नहीं दिया गया. कोर्ट में मांग की गई अब इस जमीन के दाम बढ़ गए हैं और अब बढ़े हुई दर पर किसानों को मुआवजा दिया जाए. किसान के हित में 5 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी. हाई कोर्ट की डबल बेंच के आदेश के बाद भी नेशनल हाईवे ने रोहित गुप्ता को राशि नहीं दी.