जबलपुर।काट ऑफ में नंबर अधिक होने के बावजूद पुलिस आरक्षक भर्ती में चयन नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने रोजगार पंजीयन जीवित होने के कारण सिर्फ एक याचिकाकर्ता को राहत प्रदान की थी. रोजगार पंजीयन जीवित नहीं होने के कारण 14 याचिकाओं को एकलपीठ ने खारिज कर दिया था.
MP High Court शासकीय नौकरी के लिए रोजगार पंजीयन आवश्यक नहीं, पुलिस अधिकारियों से मांगा जवाब - पुलिस अधिकारियों से मांगा जवाब
रोजगार पंजीयन जीवित नहीं होने के कारण पुलिस आरक्षक भर्ती में आयोग्य माने जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गयी. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. युगलपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि जारी नियुक्ति पत्र में इस बात का उल्लेख किया जाए कि नियुक्तियां रिट अपील के अंतिम (Employment registration not necessary) आदेश के अधीन रहेंगी.
![MP High Court शासकीय नौकरी के लिए रोजगार पंजीयन आवश्यक नहीं, पुलिस अधिकारियों से मांगा जवाब Employment registration not necessary](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17212392-5-17212392-1671093522752.jpg)
शासकीय नौकरी के लिए रोजगार पंजीयन आवश्यक नहीं
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला :इसके खिलाफ उक्त अपील दायर की गयी. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता एनएस रूपराह ने युगलपीठ को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए बताया गया कि शासकीय नौकरी के लिए रोजगार पंजीयन आवश्यक नहीं है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद राज्य शासन व संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अपील पर अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.