जबलपुर।निजी मेडिकल कॉलेजों की एसोसिएशन की ओर से यह याचिका दायर की गई. वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कोर्ट को बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने फरवरी 2022 में एक आदेश जारी कर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए दिशा-निर्देश जारी किए. इन दिशा-निर्देशों के तहत प्रावधान किया गया कि निजी मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटों की फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों के समान रखी जाए.
दो माह पहले जारी हआ था आदेश :20 जुलाई 2022 को चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक ने आदेश जारी कर कहा था कि 2022-23 के सत्र से ही उक्त दिशा-निर्देश लागू होंगे. वरिष्ठ अधिवक्ता नागरथ ने कहा कि यह नियम असंवैधानिक है. मध्यप्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों मे सरकारी कोटा नहीं है. जबकि उक्त प्रावधान केवल उन राज्यों में लागू होना चाहिए, जहां निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी कोटा भी हो. उन्होंने तर्क दिया कि निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस फीस नियामक कमेटी करती है.