जबलपुर।मध्यप्रदेश में फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेज संचालन के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को शाम 4 बजे तक न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिये. सरकार द्वारा डीएमई के भोपाल में होने का हवाला देते हुए वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित होने का आग्रह किया गया. युगलपीठ ने आग्रह को अस्वीकार करते हुए व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश दिए. इसके बाद डीएमई चार पहिया वाहन से जबलपुर रवाना हुए. डीएमई के समय पर नहीं पहुंचने के कारण याचिका पर आज सुनवाई होगी.
याचिका में ये कहा गया है :लॉ स्टूडेंट्स एसोशिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में 55 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गयी थी. मप्र नर्सिंग रजिस्टेशन काउंसिल ने निरिक्षण के बाद इन कॉलजों की मान्यता दी थी. वास्तविकता में ये कॉलेज सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं. ऐसा कोई कॉलेज नहीं है, जो निर्धारित मापदंड पूरा करता है. अधिकांश कॉलेज की निर्धारित स्थल में बिल्डिंग तक नहीं है. कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे हैं. ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है.