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सबसे तेजी से फैलता है ओमीक्रोनः कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से है कितना अलग और कितना खतरनाक, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट - बच्चों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा ओमीक्रोन

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच देश-प्रदेश में नए वेरिएंट ओमीक्रोन के मरीजों (Omicron variant in MP) की संख्या भी बढ़ रही है. कोरोना की दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा वेरिएंट से आखिर ये कितना अलग (difference between delta and omicron) है. और इससे कितना सर्तक रहने की जरूरत है. जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय.

difference between delta and omicron
सबसे तेजी से फैलता है ओमीक्रोनः

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Published : Jan 10, 2022, 5:42 PM IST

जबलपुर। भारत में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. इस लहर को लाने वाले कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन है. बताया जा रहा है यह वायरस हवा में तेजी से फैलता है, जिसके कारण लोग डरे हुए हैं. इस वायरस का नेचर क्या है, डेल्टा वेरिएंट से ये कितना अलग है (difference between delta and omicron), ये जानना जरूरी है. ताकि इस नए वेरिएंट से बचा जा सके. जबलपुर के डॉ. शैलेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि डेल्टा और ओमीक्रोन वेरिएंट में कितना अंतर है.

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डेल्टा की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है ओमीक्रोन (Omicron variant in MP)
कोरोना की तीनों लहर को बहुत ही नजदीक से देखने वाले डॉ. शैलेन्द्र सिंह राजपूत कहते हैं कि दोनों ही वायरस में बहुत अंतर है. डेल्टा वायरस की इंफेक्टिविटी रेट बहुत ज्यादा थी, लोगों को ज्यादा बीमार करता था, जबकि ओमीक्रोन अधिक तेजी से फैलने वाला वायरस है,यह वायरस स्वस्थ व्यक्ति को बीमार नहीं करता है, लेकिन जो कोमोरबीडिटी कंडीशन वाले मरीज हैं, उनके लिए ओमीक्रोन भी खतरनाक साबित हो रहा है. उनके फेफड़ों को डेमेज कर रहा है. यदि हम अमेरिकन और यूरोपियन देशों की बात करें तो वहां पर 80 से 90% ओमीक्रोन वायरस है, वहां पर लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं और मौत भी हो रही है. इसलिए ओमीक्रोन वेरिएंट को जरा भी हल्के में ना लें.

सबसे तेजी से फैलता है ओमीक्रोन
तीन हफ्ते में आ जायेगा पीक
डॉक्टर शैलेंद्र सिंह राजपूत बताते हैं कि यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है, जहां डेल्टा वेरिएंट (Corona Delta variant) 3 से 4 माह तक रहता था. वहीं ओमीक्रोन 3 हफ्ते में ही पीक पर पहुंच जाएगा. ऐसे में डेल्टा की अपेक्षा ओमीक्रोन मरीजों की संख्या 4 से 5 गुना ज्यादा होगी. उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट के देश में रोजाना 4 लाख केस मिल रहे थे तो ओमीक्रोन प्रतिदिन 15 लाख के करीब पहुंच जाएगा. ऐसी स्थिति में फिर से उसी तरह के हालात अस्पतालों में बन जाएंगे, जैसा कि डेल्टा वेरिएंट के समय था. हालांकि डेल्टा की अपेक्षा इस वेरिएंट का डैमेज परसेंटेज कम है, डेल्टा में जहां 10% लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ता था, ओमिक्रोन में ये 2% है.
वैक्सीनेशन सुरक्षा कवज (Vaccination protection shield)
डॉक्टर राजपूत की मानें तो इस नए वेरिएंट से बचाव के दो ही तरीके हैं. लोग मास्क लगाएं, दूरियां बनाकर रखें और लगातार खुद को सैनेटाइज करें. विशेषज्ञ का कहना है कि इस संक्रमण को लेकर एक सकारात्मक बात यह है कि वैक्सीन इस बीमारी के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी. 15 साल से कम उम्र के बच्चों को वेक्सीन नहीं लगी है, ऐसे में वह लोग उन बच्चों का सुरक्षा कवच होंगे जिन्हें वैक्सीन लग गई है.
'बच्चों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा ओमीक्रोन'
लोग जिस तरह से मान रहे हैं कि यह वायरस बच्चों के लिए खतरनाक साबित होगा, असल में ऐसा नहीं है. डॉ. राजपूत की मानें तो दूसरी लहर में डेल्टा वायरस ने भी बच्चों को खास नुकसान नहीं पहुंचाया था. दूसरी लहर के दौरान यह कहीं नहीं सुना कि देश में कहीं बच्चों के लिए अलग से अस्पताल बनवाया गया हो और वह अस्प्ताल बीमार बच्चों से भर गया हो, तो ओमीक्रोन वेरिएंट के साथ भी ऐसा नहीं है कि ये बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित होगा.

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