जबलपुर।चुनाव प्रचार के पारंपरिक तरीके बदल रहे हैं. अब चुनाव प्रचार में ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. नरसिंहपुर में प्रहलाद पटेल के चुनाव प्रचार के दौरान एक बहुत बड़ा ड्रोन प्रचार के लिए इस्तेमाल में लाया गया. ड्रोन के जरिए न केवल फूल बरसाए गए, बल्कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की तस्वीर लगाकर पूरे सभा स्थल के ऊपर इसे उड़ाया गया.
चुनाव प्रचार के पुराने तरीके:चुनाव की बात हो और टीएन शेषन का जिक्र ना हो तो बात अधूरी रह जाती है. टीएन शेषन भारत के दसवीं चुनाव आयुक्त थे. 1990 से 1996 तक चुनाव आयुक्त रहे, लेकिन भारतीय लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया पर अभूतपूर्व परिवर्तन करने का काम टीएन शेषन ने ही किया था. यह चुनाव सुधारों का दौर था. जब टीएन शेषन ने उम्मीदवारों के खर्चों पर लगाम लगाई थी. इसके बाद ही चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के खर्चे पर सीमा तय कर दी गई थी. उसके पहले तक चुनाव प्रचार में खर्च की कोई सीमा नहीं थी. इसलिए चुनाव इतना रंगीन हो जाता था कि केवल वॉल पेंटिंग के ही जरिए पूरे शहर रंग दिए जाते थे. हर जगह झंडा बैनर नजर आते थे.
सोशल मीडिया के बाद नया तरीका:अब अब झंडा बैनर इन सब की गिनती होती है और खर्च का हिसाब चुनाव आयोग लेता है. इसलिए उम्मीदवारों को अपने प्रचार प्रसार का तरीका भी बदलना पड़ा है. इन दिनों सबसे ज्यादा जोर सोशल मीडिया पर चल रहा है. सोशल मीडिया का विज्ञापन अपेक्षाकृत सरल और सस्ता होता है. इसलिए ज्यादातर चुनावी उम्मीदवार सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात कह रहे हैं.