जबलपुर। मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव सोमवार को जबलपुर दौरे पर पहुंचे. जहां मंत्री ने कई मुद्दों को लेकर पूर्व सीएम व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर निशाना साधा. मंत्री भार्गव ने कहा कि कमलनाथ की वजह से मध्यप्रदेश की सहकारी बैंक की व्यवस्थाएं बर्बाद हो गई. गोपाल भार्गव ने कहा कि सहकारी बैंक को बिना पैसे दिए कमलनाथ ने कर्ज माफी की घोषणा कर दी थी. इसके अलावा 1984 के दंगो पर भी कैबिनेट मंत्री ने बयान दिया.
जबलपुर पहुंचे मंत्री गोपाल भार्गव, बोले- कमलनाथ के चलते बर्बादी की कगार पर पहुंचा सहकारी बैंक - कमलनाथ ने सहकारी बैंको को बर्बाद किया
मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव एक दिवसीय दौरे पर पहुंच. इस दौरान मंत्री गोपाल भार्गव ने कमनलाथ पर सहकारी बैंकों की बर्बादी का आरोप लगाया तो वहीं 1984 के दंगों को लेकर भी कमलनाथ पर निशाना साधा.
85 के दंगों में कमलनाथ की भूमिका: विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी कमलनाथ को 1984 के दंगों के मामले में डराने पर उतर आई है. आज गोपाल भार्गव ने जबलपुर में कमलनाथ पर आरोप लगाया है कि 1984 के जो दंगे हुए थे. उनमें कमलनाथ की भूमिका अहम थी, क्योंकि कमलनाथ ये दावा करते हैं कि वह गांधी परिवार के सदस्य जैसे थे. खुद को इंदिरा गांधी का तीसरा पुत्र मानते थे. इसलिए 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में जो दंगे हुए थे. उनमें कमलनाथ की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. वह भारत के लिए एक बुरे सपने जैसा है. मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि जब यह दंगे हुए थे तब वह नगर पालिका अध्यक्ष थे और उन्हें याद है कि कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम 1984 के दंगों में सामने आए थे और इसमें आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए.
कांग्रेस की कर्ज माफी से बर्बाद हुई सोसाइटी:गोपाल भार्गव ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि कमलनाथ सरकार के दौरान मध्यप्रदेश में कर्ज माफी की घोषणा की गई थी. कर्ज माफी के नाम पर सहकारी बैंक की सोसायटियों से कर्ज माफी के प्रमाण पत्र किसानों को बांट दिए गए थे, जबकि सोसाइटियों के खाते में पैसा नहीं पहुंचा था. इसकी वजह से प्रदेश की कई सोसायटिओं में पैसे का संकट खड़ा हो गया. किसानों ने यह माना कि उनकी कर्जमाफी हो गई है. सोसाइटी का पैसा नहीं लौटाया. इसमें ना केवल किसान डिफाल्टर हो गए, बल्कि सोसाइटी भी डिफाल्टर हो गई. गोपाल भार्गव का कहना है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी के लिए मात्र 6000 करोड़ का बजट रखा था. इतने कम पैसे में प्रदेश भर के किसानों के 200000 तक के कर्ज माफ नहीं किए जा सकते थे. कमलनाथ सरकार की वजह से ना केवल किसान परेशान हुए, बल्कि सोसायटियों को भी अभी तक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. किसान उनका कर्ज नहीं लौटा रहे हैं.