जबलपुर।कोरोना संकट काल में सरकारी व्यवस्थाएं भी बहुत हद तक प्रभावित हुई हैं. शुरुआत में अधिकारी-कर्मचारी मीटिंग के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आए. इसके साथ ही एक शहर से दूसरे शहर जाकर मीटिंग करना समस्या का सबब बन गया. यहां तक की लोग एक-दूसरे से मिलने-जुलने में तक कतराने लगे. ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सबसे बड़ी सुविधा बनकर सामने आई है.
पहले जबलपुर के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में महज एक-दो मीटिंग होती थीं, लेकिन अब हालात यह हैं कि यहां दिनभर मीटिंग हॉल खाली नहीं रहता. यहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से अधिकारी और नेता जिले के अधिकारियों से बात करते हैं. ज्यादातर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भोपाल से होती हैं. पहली बार विधानसभा का सत्र भी इसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा की वजह से संपन्न हो सका. इस समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम की सबसे ज्यादा जरूरत स्वास्थ्य विभाग को पड़ रही है और स्वास्थ्य विभाग लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग कर रहा है.
शहर में दो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल
जबलपुर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दो हॉल हैं. इसके अलावा एक बड़े हॉल में भी यह सुविधा है, लेकिन इन दो हॉल में सीधे इंटरेक्शन हो जाता है और वर्चुअल तरीके से पूरी मीटिंग की जा सकती है.