जबलपुर : प्रदेश में पिछले दस दिन से बिजली की अधिकतम मांग 14,000 मेगावाट के ऊपर पहुंच गया है. मध्यप्रदेश में बीते 4 दिसंबर को बिजली की अधिकतम मांग का नया रिकॉर्ड बना है. राज्य के बिजली सेक्टर के इतिहास में पहली बार बिजली की एक दिन की अधिकतम मांग 14,856 मेगावाट दर्ज हुई है. प्रदेश में पिछले दस दिन से बिजली की अधिकतम मांग 14,000 मेगावाट के ऊपर दर्ज हो रही है.
एक दिसंबर से 3 दिसंबर के बेहतर आंकड़े
पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3 फरवरी को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 14,555 मेगावाट दर्ज हुई थी. प्रदेश में 1 दिसंबर को 14,236 मेगावाट, 2 दिसंबर को 14,403 मेगावाट और 3 दिसंबर को 14,515 मेगावाट दर्ज हुई.
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किस क्षेत्र में कितनी बिजली की डिमांड
पश्चिम क्षेत्र में बिजली की मांग 6077 मेगावाट है. मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 6,077 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 4,752 मेगावाट और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 4,028 मेगावाट दर्ज हुई.
अचानक कैसे बढ़ गई बिजली की डिमांड
प्रदेश में 4 दिसंबर को जब बिजली की अधिकतम मांग 14,856 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप व जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 2,718 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 1,849 मेगावाट , एनटीपीसी व नार्दन रीजन का अंश 3,383 मेगावाट, सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का अंशदान 1,346 मेगावाट, आईपीपी का अंश 1,778 मेगावाट रहा और बिजली बैंकिंग से 1940 व अन्य स्त्रोत जिनमें नवकरणीय स्त्रोत भी शामिल हैं से प्रदेश को 1,843 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई.