जबलपुर।पूरे देश में बिजली बनाने के लिए कोयले का संकट (Coal Crisis) छाया हुआ है. देश भर में 135 पावर हाउस है, जहां कोयले से बनाई बिजली जाती है. इनमें से 110 पावर हाउस की स्थिति कोयले को लेकर गड़बड़ हो गई है. मध्य प्रदेश की बात करें तो वर्तमान स्थिति में 223 लाख मीट्रिक टन कोयला मध्य प्रदेश के पास है. जिससे बिजली बनाई जा सकेगी. यह कोयला मात्र 3 दिन में खत्म हो जाएगा. हालांकि प्रदेश के उर्जा मंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोयले की कमी से एक भी पावर प्लांट नहीं रुकेगा.
मध्य प्रदेश ने केंद्र सरकार से नहीं मांगी मदद
बिजली विभाग के रिटायर्ड अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश में जितनी खपत बिजली की होती है. यह कहने से गुरेज नहीं होगा कि आने वाले समय में मध्य प्रदेश बिजली संकट से जूझ रहा होगा. इस ओर सरकार का ध्यान भी नहीं जा रहा है. जबकि देश के कई राज्यों ने प्रधानमंत्री से कोयले की कमी को लेकर पत्र भी लिखे हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में इस तरह का कोई भी पत्राचार केंद्र सरकार से नहीं किया गया है.
मध्य प्रदेश पावर वितरण कंपनी के पूर्व कर्मचारियों ने गुहार लगाई है कि मध्य प्रदेश सरकार आने वाले बिजली संकट को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगे. ताकि अगले सीजन में आने वाली रबी की फसल के लिए किसानों को बिजली मिल सके.