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भूख कम लगती है? सावधान! हो सकता है डेल्टा प्लस वेरिएंट का लक्षण

कोरोना के नए स्ट्रेन डेल्टा प्लस के कुछ अनोखे लक्षण सामने आ रहे हैं. इनमें भूख ना लगना, हाथ पैरों में सूजन और उल्टी जैसा महसूस होना प्रमुख है. पहले इनके लक्षणों में सर्दी-ज़ुकाम होना या गले में खराश होना ही माना जाता रहा है. अब कोरोना का डेल्टा प्लस स्ट्रेन फेफड़ों के साथ किडनी जैसे अंगों पर भी असर डाल रहा है.

Loss of appetite can be symptom of Delta Plus
भूख कम लगना भी है डेल्टा प्लस का लक्षण

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Published : Jun 26, 2021, 7:54 AM IST

Updated : Jun 26, 2021, 8:25 AM IST

जबलपुर। पिछली बार जब कोरोना वायरस आया था तो इसके लक्षणों के बारे में कहा गया था कि गले में दर्द होगा, गले में खराश होगी, हल्का बुखार आएगा, जुकाम होगा और शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम होगा. मगर कोरोना के नए स्ट्रेन डेल्टा प्लस में कुछ अन्य लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं.

  • भूख कम होना भी है लक्षण

डॉक्टरों का कहना है के डेल्टा प्लस वेरिएंट में नए लक्षण सामने आए हैं. इनमें कोरोना के सामान्य लक्षणों के अलावा अगर आप को कम या बिल्कुल भूख नहीं लग रही है, हाथ पैर में सूजन है या आप को उल्टी जैसा महसूस हो रहा है तो भी आप कोरोना के शिकार हो सकते हैं. ये नए लक्षण डेल्टा प्लस वैरीएंट की तरफ इशारा करते हैं. इन लक्षणों के दिखने से आपको अपना टेस्ट कराना चाहिए. डॉक्टरों के मुताबिक अब तक कोरोनावायरस लोगों के हृदय और फेफड़ों पर असर कर रहा था, लेकिन डेल्टा प्लस वेरिएंट किडनी जैसे अंगों को भी खराब कर रहा है.

डेल्टा प्लस किडनी पर भी डालता है असर
  • डेल्टा प्लस वेरिएंट के क्या हैं प्रमुख लक्षण
  • कम या बिल्कुल भूख नहीं लगना
  • हाथ पैर में सूजन
  • उल्टी जैसा महसूस होना
  • सामान्य सर्दी जुकाम
  • निमोनिया
  • सूखी खांसी
  • बातचीत करने या बोलने में तकलीफ

आखिर डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट है क्या? ईटीवी भारत पर पाएं सारी जानकारी एक साथ

  • बचाव के तरीके

वायरस के नए वेरियंट से बचने के लिए हमें लगातार वही सावधानियां बरतनी होंगी जो अभी तक बरतते हुए आ रहे हैं. सेनेटाइजर, मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करते रहना होगा.

  • दिल्ली भेजे जा रहे हैं जबलपुर से सैंपल

जबलपुर में कोरोना वायरस के नए मरीजों के सैंपल मेडिकल कॉलेज में रखे जा रहे हैं. इन्हीं सैंपलों में से कुछ सैंपल दिल्ली की वायरोलॉजी लैब को भेजा जा रहा है, जहां इस बात का परीक्षण किया जा रहा है कि कहीं डेल्टा प्लस वेरिएंट जबलपुर तो नहीं पहुंचा है. वैसे अभी तक जबलपुर में डेल्टा प्लस वेरिएंट का कोई भी मरीज सामने नहीं आया है.

  • ग्वालियर में डेल्टा और यूके वेरियंट से हड़कम्प

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से अभी हालात सामान्य हो ही रहे थे कि नए डेल्टा वेरिएंट ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ग्वालियर में 36 मरीजों में डेल्टा वेरिएंट और 9 मरीजों में यूके वेरिएंट की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन सभी 45 मरीजों के परिजनों और उनके संपर्क में आए लोगों की जांच का फैसला किया. प्रारंभिक तौर पर 45 में से सिर्फ 7 मरीजों के 25 परिजनों ने सैंपल दिए थे. इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है. किसी में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है.

  • NCDC की रिपोर्ट में डेल्टा-यूके वेरिएंट की पुष्टि

ग्वालियर में कुछ लोगों की सैंपल रिपोर्ट नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) दिल्ली भेजी गई थी. रिपोर्ट के आधार पर इन लोगों में डेल्टा और यूके वेरिएंट की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य विभाग अब इन सभी मरीजों के संपर्क में आए लोगों के सैंपल ले रही है. उन मरीजों पर भी नजर रखी जा रही है, जिनमें डेल्टा और यूके वेरिएंट की पुष्टि हुई है.

  • डेल्टा प्लस वेरिएंट ने बढ़ाई केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता

कोरोना की तीसरी लहर के अनुमानों के बीच कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) के मामलों ने केन्द्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक देश के 12 जिलों में करीब 50 केस सामने आए हैं. लेकिन ये केस पिछले 3 महीने में सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने यह भी दावा किया है कि कोरोना डेल्टा प्लस वेरिएंट के ट्रेंड कहीं से भी बढ़ते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.

  • केस के मामले में एमपी तीसरे नंबर पर

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (National Centre for Disease Control) के डायरेक्टर डॉक्टर एसके सिंह (SK Singh) ने बताया कि 65 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच की गई है. इसमें सबसे ज्यादा 20 केस महाराष्ट्र से सामने आए हैं. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां 9 मामले सामने आए हैं. तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश हैं, जहां 7 केस सामने आए हैं. NCDC के डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि सभी राज्यों में मॉनिटरिंग की जा रही है. जो केस सामने आए हैं वो राज्यों के अलग-अलग जिलों से सामने आए हैं.

  • वैक्सीन कम करती है खतरा

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दी जा रही वैक्सीन की एक खुराक किसी को भी डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने और संक्रमित मरीज का अस्पताल में इलाज कराने की संभावना को काफी हद तक लगभग 75 फीसदी तक घटा देती है. वहीं वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के संक्रमित होने और हॉस्पिटल में भर्ती होने की संभावना को 90 फीसदी तक कम कर देती है.

Last Updated : Jun 26, 2021, 8:25 AM IST

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