जबलपुर। जबलपुर का बरगी बांध खेती के लिए पानी पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया था. इसमें कटनी, जबलपुर और नरसिंहपुर जिले की भूमि सिंचित करने के लिए नहरें बनाई गई हैं, लेकिन नरसिंहपुर की ओर जाने वाली नहर की वजह से रोज चार लाख का नुकसान हो रहा है.
नुकसान किस तरह यहां समझिए
बरगी बांध के दोनों किनारों पर दो पावर हाउस बनाए गए हैं. बड़े पावर हाउस से 100 मेगावाट बिजली बनाई जाती है, जबकि छोटे पावर हाउस से 10 मेगावाट बिजली बनती है. इसी पावर हाउस में 5-5 मेगा वाट की दो यूनिट लगी हुई हैं. रवि और खरीफ के मौसम में यहां से पानी नहर के लिए छोड़ा जाता है और इस पानी की वजह से टरबाइन घूमने लगते हैं और बिजली बनने लगती है.
नहर का छोटा होना नुकसान की वजह
ये एक किस्म से बिल्कुल मुफ्त की बिजली है, मात्र एक टरबाइन के घूमने से दिन भर में एक लाख यूनिट बिजली बनती है, जो बिजली कंपनी को लगभग चार लाख 50 हजार रुपए में बेची जाती है. एक औसत के अनुसार एक टरबाइन 1 दिन में चार लाख रुपए की बिजली बना देता है, लेकिन दोनों टरबाइन एक साथ नहीं चलाए जा सकते, क्योंकि बरगी बांध की नहर के निर्माण में लापरवाही बरती गई और इससे कम क्षमता का पानी ले जाने के उद्देश्य से बना दिया गया. दोनों टरबाइन चलाने के लिए नहर की क्षमता बढ़ानी पड़ेगी, अगर ऐसा होता है तो, रोज 4 लाख रुपए का होने वाला नुकसान लाभ में बदला जा सकेगा और ये बिजली जनता को सप्लाई की जाएगी, जिससे राजस्व भी बढे़गा.