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शराब ठेकेदारों ने अपने लाइसेंस किए सरेंडर, प्रदेशभर में बंद रहेंगी दुकानें

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Published : Jun 6, 2020, 9:29 AM IST

जबलपुर के सभी शराब ठेकेदारों ने शुक्रवार को अपने-अपने लाइसेंस आबकारी कमिश्नर को सरेंडर कर दिए हैं. वहीं शराब ठेकेदारों और राज्य सरकार के बीच चले आ रहे मतभेद की अगली सुनवाई 17 जून को हाई कोर्ट में होगी.

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मध्य प्रदेश में शराब दुकानें बंद

जबलपुर। शराब ठेकेदारों और राज्य सरकार के बीच चल रही लंबी जद्दोजहद अब एक नतीजे पर आकर खत्म हो गई है. जिसके तहत अब प्रदेशभर के तमाम शराब ठेकेदार अपना लाइसेंस सरकार के सामने सरेंडर करेंगे. इसी कड़ी में जबलपुर संभाग के भी कई शराब ठेकेदारों ने शुक्रवार को अपना लाइसेंस आबकारी अधिकारी के सामने सरेंडर कर दिया है.

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जानकारी के मुताबिक जबलपुर संभाग के जबलपुर सहित कटनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट और डिंडौरी में सभी शराब ठेकेदारों ने अपना-अपना लाइसेंस सरकार के सामने सरेंडर कर दिया है. हालांकि सिवनी, नरसिंहपुर और मंडला में शराब ठेकेदारों के बीच बात नहीं बनी लिहाजा अभी भी कुछ शराब ठेकेदार दुकान चलाने को तैयार हैं. शराब ठेकेदारों और राज्य सरकार के बीच चले आ रहे मतभेद की अगली सुनवाई 17 जून को हाई कोर्ट में होगी. ऐसे में तब तक प्रदेशभर की शराब दुकानें पूरी तरह से बंद ही रहेंगी.

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बता दें, शराब ठेकेदारों का अनुमान है कि जिस तरह से राज्य सरकार ने शराब ठेकेदारों पर दबाव बनाया है उसको लेकर बहुत कम ही शराब ठेकेदार सरकार की बात मानेंगे. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रदेश में 25 प्रतिशत ठेकेदार ही राज्य सरकार के नियम मानने के लिए तैयार होंगे. वहीं जबलपुर जिले के सभी 143 शराब ठेकेदारों के लाइसेंस आबकारी आयुक्त के सामने सरेंडर कर दिए हैं.

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