जबलपुर। अगर हौंसले बुलंद हों तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता है. जबलपुर का एक राज मिस्त्री अपने बुलंद हौंसलों के दम पर आईएएस अफसर बन गया है. हम बात कर रहे हैं जबलपुर के सुमित कुमार विश्वकर्मा की जिसने यूपीएससी परीक्षा में 53 वीं रैंक हासिल की है.
जबलपुरः कन्नी चलाने वाले हाथों ने दिखाया कमाल, राज मिस्त्री से बना आईएएस ऑफिसर
जबलपुर के सुमित विश्वकर्मा कि यूपीएससी में 53वीं रैंक लगी है. बीई पास कर चुके सुमित को परीक्षा की तैयारियों के लिए पिता के साथ राज मिस्त्री का काम करना पड़ा था. उसने अपने बुलंद हौंसले के दम पर ही ये कामयाबी हासिल की है.
हिंदी मीडियम से स्कूली पढ़ाई करने वाले सुमित ने इंग्लिश मीडियम से बीई की. वो इंजीनीयर बने और नौकरी भी की. लेकिन कुछ परेशानियों के चलते वो नौकरी पर जा नहीं सके, जिसके बाद कंपनी ने उन्हें टरमीनेशन लेटर थमा दिया. फिर क्या था सुमित ने सरकारी अफसर बनने की ठानी और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे, तो उसने अपने पिता के साथ मजदूरी शुरू कर दी.
कन्नी चलाने से उसे जो पैसे मिले उसी से अपने लिए किताबे खरीदी और यूपीएससी की तैयारी की. फिर क्या था सुमित की मेहनत रंग लाई और उसने 53 वीं रैंक हासिल कर ली. सुमित ग्रामीणों के लिए कुख करना चाहते हैं, सरकार की नीतियों में बदलाव लाना चाहते हैं. सुमित कहते हैं चाहे कितनी भी असफलता मिले एक दिन सफलती मिल ही जाती है इसलिए हमें हमेशा प्रोत्साहित रहना चाहिए.