कानपुर/ जबलपुर। कोर्ट में आठ साल तक चले बहुचचर्चित ज्योति हत्याकांड में कानपुर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी ने शुक्रवार को दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में दोषी पाए गए ज्योति के पति पीयूष और उसकी प्रेमिका मनीषा, मनीषा के ड्राइवर अवधेश और हत्या के लिए बुलाए गए सुपारी किलर आशीष, सोनू,और रेनू को अब जिंदगीभर जेल में रहना होगा. अवधेश, रेनू और सोनू घटना के बाद से जेल में ही बंद हैं. अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई थी. (kanpur jyoti nagdev murder) (justice for jyoti) (crime petrol kanpur)
पति-पत्नी के बीच खलनायिका बनकर आई वो : जबलपुर के बड़े उद्योगपति शंकर नागदेव ने अपनी 24 वर्षीय बेटी ज्योति की शादी साल 2012 में कानपुर के बिस्किट के बड़े कारोबारी ओम प्रकाश श्यामदासानी के बेटे पीयूष से की थी. शुरू में सब ठीक चला कि लेकिन इस बीच पति व पत्नी के बीच मनीषा मखीजा नाम की युवती ने एंट्री की. पीयूष रंगीनमिजाज का है. इसलिए वह अपने दफ्तर में नौकरी करने वाली मनीषा से इश्क कर बैठा. पीयूव व मनीषा इश्क की गाड़ी में सफर करते रहे, लेकिन इसी बीच मनीषा के परिजनों ने उसकी शादी की बात कहीं और चला दी. इससे घबराई मनीषा ने पीयूष से कहा कि कुछ तो करना पड़ेगा. वरना मेरी शादी कहीं और हो जाएगी. मनीषा किसी और की हो जाएगी, ये सोचकर पीयूष परेशान हो उठा. वह किसी भी कीमत पर मनीषा को अपनी पत्नी बनाना चाहता था. लेकिन इसमें बाधा पीयूष को उसकी पत्नी लग रही थी.
ऐसे रची साजिश :जब एक दिन मनीषा ने पीयूष को कॉल कियाा किया कि मेरे पिताजी ने मेरी शादी कहीं और लगभग फिक्स कर दी है तो प्रेमी का दिमाग घूम गया. और इसके बाद उसने अपनी पत्नी ज्योति को रास्ते का हटाने की साजिश रची. पीयूष की इस साजिश में प्रेमिका मनीषा शामिल हो गई. इसके बाद मनीषा ने अपने ड्राइवर आशुतोष से इस साजिश के बारे में बताया. ड्राइवर आशुतोष भी रुपयों के लालच में हत्या करने को तैयार हो गया. और फिर इन तीनों ने मिलकर तीन अपराधियों से संपर्क किया जो सुपारी लेकर हत्या की वारदात करते थे.
साजिश को ऐसे दिया अंदाम : साजिश के अनुसार 27 जुलाई 2014 को रात्रि करीब 10 बजे पीयूष अपनी पत्नी ज्योति को डिनर पर ले गया. कानपुर के वरांडा रेस्टोरेंट में डिनर के बाद दोनों करीब साढ़े 11 बजे घर जाने के लिए निकले. रेस्टोरेंट से कार थोड़ी ही आगे बढ़ी कि मोड़ के पास साजिश के अनुसार रास्ते में चार बदमाशों ने कार को रोका. चारों बदमाशों ने पीयूष को कार से बाहर निकाला और कार सहित ज्योति को ले गए. कार को अवधेश चलाने लगा. ज्योति ड्राइवर सीट के बगल में बैठी थी. इसी दौरान रेनू व सोनू कश्यप ने ज्योति पर चाकुओं से हमला कर दिया. इसके बाद जब चारों ने ये पुष्टि कर ली कि ज्योति ने दम तोड़ दिया है तो उसके शव को कार में छोड़कर फरार हो गए. इस पूरी वारदात में लगभग दो घंटे का समय लगा.