जबलपुर। जूनियर डॉक्टर्स ने सामूहिक रूप से इस्तीफा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीके कसार को सौंप दिया है. जूनियर डॉक्टर्स के समर्थन में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर जिनकी संख्या सवा सौ के लगभग है. वह भी हड़ताल पर जाने का सरकार को अल्टीमेटम दे चुके हैं. जबलपुर में हड़ताल पर जाने वाले कुल लाखों की संख्या 350 हो जाएगी. यदि यह 350 डॉक्टर हड़ताल पर चले गए तो मेडिकल कॉलेज में भर्ती 520 मरीजों की स्थिति बिगड़ने की संभावना है. जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अभी भी 520 मरीज भर्ती हैं. इनमें ब्लैक फंगस और कोविड-19 भर्ती मरीजों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.
'झूठ' बोल रही है सरकार, नहीं बढ़ाया मानदेय- JUDA
जूनियर डॉक्टर्स के समर्थन में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर जिनकी संख्या सवा सौ के लगभग है. वह भी हड़ताल पर जाने का सरकार को अल्टीमेटम दे चुके हैं.
सरकार बोल रही है झूठ- जूडा
बेशक कोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को गैरकानूनी घोषित कर दिया है लेकिन जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार झूठ बोल रही है कि उसने जूनियर डॉक्टर्स का मानदेय बढ़ा दिया है. गुरूवार को जूनियर डॉक्टर्स के अकाउंट में मानदेय आया है जो पहले की तरह 57000 ही है, जबकि सरकार ने कोर्ट में कहा कि उसने कंजूमर इंडेक्स के अनुसार मानदेय बढ़ाकर दिया है. यदि ऐसा होता है तो जूनियर डॉक्टर का मानदेय 14000 और आना था लेकिन नहीं आया. इसका सीधा से मतलब है कि सरकार जूडा से झूठ बोल रही है.