बंधक बनाकर नाबालिग से 3 दिन तक सामूहिक दुष्कर्म, 6 आरोपियों को मिला आजीवन कारावास - जबलपुर विशेष पॉक्सो कोर्ट
विशेष अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के 6 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. 2015 के इस मामले में आरोपियों ने नाबालिग को 3 दिन तक बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया था.
जबलपुर विशेष पॉक्सो कोर्ट
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Published : Apr 26, 2023, 10:28 PM IST
जबलपुर।कोतवाली थाना क्षेत्र से एक नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाकर उसे बंधकर बनाकर तीन दिन तक गैंगरेप करने वाले आधा दर्जन आरोपियों को पाक्सो की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपियों पर दो-दो हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए पीड़िता को दो लाख रुपये प्रतिकर की राशि प्रदान करने के निर्देश शासन को दिए हैं.
अभियोजन की तरफ से बताया गया कि नाबालिग पीड़िता 29 मई 2015 को अपनी बहन के साथ स्टेट बैंक शाखा परिजात बिल्डिंग चेरीताल स्थित शाखा गई थी. पीड़िता ने लगभग 12 बजे नीचे से आने की बात कहकर चली गई थी. पीडिता शाम 5.00 बजे तक वापस नहीं लौटी तो बड़ी बहन घर वापस चली गई. उसके माता-पिता अस्पताल में भर्ती थे और घर लौटने के बाद नाबालिग पीड़िता के गायब होने की बात उसने अपनी दादी व मौसी की बताई. इसके बाद उन्होने उसके संबंध में खोजबीन प्रारंभ की. कोई सुराग नहीं मिलने पर कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई.
बंधक बनाकर गैंगरेप: पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया तो उसने अपने बयान में बताया कि आरोपी बहला-फुसलाकर अपने साथ काली मंदिर ले गया था. मंदिर से उसे अकेले मदन महल स्टेशन जाने के लिए कहा था. मदन महल में अन्य आरोपी उसे अपने साथ गढ़ा मोहल्ला स्थित एक झोपड़ी में ले गया. आरोपी ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया. इसके बाद फोन करके अपने 6 दोस्तों को बुलाया. उन्होने भी पीड़िता के साथ सामूहिक बलात्कार किया. सभी आरोपी एक राय होकर 3 दिन तक पीड़िता को झोपड़ी में बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार करते रहे.
आजीवन सश्रम कारावास की सजा: पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप व पाक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर अदालत के समक्ष चालान पेश किया. सुनवाई दौरान पेश किए गए गवाह व साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन सश्रम कारावास व दो-दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. प्रकरण में दो आरोपी नाबालिग थे तथा एक आरोपी को न्यायालय ने साक्ष्यों के आभाव में दोषमुक्त करार दिया है. शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने पक्ष रखा.