मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Jabalpur Crime News: राज्य वन अनुसंधान संस्थान में रिसर्च के लिए लगे चंदन के पेड़ काटकर ले गए तस्कर - सौ एकड़ में लगे हैं दुर्लभ पेड़

जबलपुर में राज्य वन अनुसंधान संस्थान (SFII) में रिसर्च के लिए लगे वृक्षों में 7 चंदन के पेड़ काटकर तस्कर ले गए. संस्थान को इसकी जानकारी लगी तो हड़कंप मच गया. यहां के डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि राज्य वन अनुसंधान संस्थान में सीमित संसाधन हैं. इस कारण इस प्रकार की घटनाएं सामने आती हैं.

Jabalpur Smugglers cut sandalwood tree
वन अनुसंधान संस्थान में लगे चंदन के पेड़ काटकर ले गए तस्कर

By

Published : Jul 13, 2023, 11:40 AM IST

वन अनुसंधान संस्थान में लगे चंदन के पेड़ काटकर ले गए तस्कर

जबलपुर।जबलपुर में इन दिनों सफेद चंदन तस्करी जोरों पर है. चंदन की तस्करी करने वाले आए दिन जंगल से हरे-भरे चंदन के पेड़ काटकर तस्करी कर रहे हैं. वन विभाग की हाईटेक सुरक्षा होने के बावजूद तस्कर जंगलों से पेड़ काटते हैं और इसकी सप्लाई अन्य जिलों में बेखौफ कर रहे हैं. चोरी की घटना से वन अनुसंधान संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ताजा मामला जबलपुर के एसएफआइआई यानी राज्य वन अनुसंधान संस्थान में रिसर्च के लिए लगाए हुए चंदन के वृक्षों के चोरी का है.

सौ एकड़ में लगे दुर्लभ पेड़ :जीवन व जंगल में होने वाले परिवर्तनों पर सतत निगरानी रखने वाले एसएफआइआई में करीब 100 एकड़ में कई ऐसे दुलर्भ औषधि वाले पौधे एवं वृक्ष हैं, जिन पर कई वर्षों से रिसर्च चल रही है. ऐसे में संस्थान से चंदन के वृक्षों के काटे जाने मामले को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है. पहले तो प्रबंधन वृक्ष काटे जाने की बातों से इंकार कर रहा था. लेकिन जब काटे गए वृक्षों के ढूंठों के वीडियो वायरल होने लगे तो बात सबके सामने आ गई. जिसको लेकर अब कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं. जानकारी के मुताबिक ग्वारीघाट- पोलीपाथर स्थित राज्य वन अनुसंधान संस्थान एसएफआरआइ के वॉटनी गाडन में रिसर्च के लिए लगाए गए करीब 7 चंदन के वृक्षों को चोर काटकर ले गए.

ये खबरें भी पढ़ें...

पेड़ों की कीमत 4 लाख :संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक वृक्षों की अनुमानित कीमत लगभग 4 लाख रुपए है. यह वारदात कब हुई, इसको लेकर तो कोई अधिकृत तौर पर नहीं कर रहा है. लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि संस्थान से वृक्षों को काटकर तस्कर बाहर कैसे ले गए. क्योंकि संस्थान की सुरक्षा में 24 घंटे सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद वन मंत्री वन विभाग के सर्किट हाउस में न रुककर एसएफआरआई में रुकते हैं. इस मामले में राज्य वन अनुसंधान संस्थान के डिप्टी डायरेक्टर रविन्द्र मणि त्रिपाठी का कहना है कि संबंधित अधिकारियों को मौका निरीक्षण करते हुए पंचनामा बनाने के निर्देश दिए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details