जबलपुर।आज के जमाने में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो माता-पिता को बोझ मानते हैं लेकिन कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार कलयुग के श्रवण कुमार बनकर उभरे हैं. अपनी मां की सेवा कृष्ण कुमार कुछ इस तरह से कर रहे हैं कि वे पिछले 5 सालों से अपनी मां को देश भर का भ्रमण करा रहे हैं. स्कूटर पर सवार होकर कृष्ण कुमार अपनी मां के साथ पिछले 5 सालों से शहर-शहर होते हुए कई राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं और एक बार वे कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी की यात्रा तक पूरी कर चुके हैं. भारत भ्रमण पर निकले कृष्ण कुमार ने इसे मातृ सेवा संकल्प यात्रा का नाम दिया है. स्कूटर पर अपनी 73 साल की मां के साथ भारत का भ्रमण कर रहे कृष्ण कुमार जबलपुर पहुंचे है.
मल्टीनेशनल कंपनियों में कर चुके हैं काम: कई कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कंपनियों में टीम लीडर जैसे अहम पदों पर रह चुके 44 साल के दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार कॉरपोरेट के बड़े पैकेज की नौकरी छोड़कर कृष्ण कुमार स्कूटर से अपनी मां को देश का भ्रमण करा रहे हैं. जनवरी 2018 से कृष्ण कुमार अपनी मां के साथ अब तक 66 हजार से भी ज्यादा किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके हैं और अपने अगले पड़ाव के तहत वे इन दिनों जबलपुर आए हुए हैं. 73 साल की अपनी मां को देशभर का भ्रमण कराने के पीछे की कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प है. एक बार जब बातों ही बातों में उन्होंने अपनी मां से अपने द्वारा देखे गए दर्शनीय और धार्मिक स्थलों का जिक्र किया तो उनकी मां ने जो जवाब दिया उसके बाद कृष्ण कुमार ने अपनी मां को पूरे देश के भ्रमण कराने का फैसला ले लिया.
मां नहीं गई थीं मदिर: मां ने कृष्ण कुमार को बताया कि वे तो अपने घर के पास का भी मंदिर नहीं गई. तब से उन्होंने ठाना कि वे भारत के सभी मंदिरों के दर्शन कराने मां को साथ लेकर जाएंगे. मां को पहले पूछा तो वह पहले इंकार करती रही लेकिन बाद में बेटे की जिद और उसके प्रेम भाव देखते हुए वह स्कूटर पर बैठकर भारत दर्शन करने के लिए राजी हुई. कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा कर चुके कृष्ण कुमार देश ही नहीं बल्कि नेपाल भूटान और म्यांमार जैसे देशों की यात्रा भी अपनी मां को करा चुके हैं.