Jabalpur Ravi Shankar Stadium: शो पीस बन जाएगा रविशंकर स्टेडियम! आधुनिकता इतनी कि आम आदमी नहीं दे पाएगा फीस - जबलपुर न्यूज
जबलपुर में 50 साल पुराने स्टेडियम को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नया बनाया गया है. स्टेडियम को करीब 66 करोड़ की लागत से बनाया गया है. साथ ही स्टेडियम में लगाने के लिए कई सामानों को विदेशों से मंगाया गया. इन सब के बाद अब आलम यह है कि स्टेडियम का महज शोभा की सुपारी बनकर रह गया, क्योंकि बिना फीस के यहां किसी की एंट्री नहीं है और फीस भी लाखों में है.
जबलपुर का रविशंकर स्टेडियम
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Published : Aug 16, 2023, 4:52 PM IST
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Updated : Aug 16, 2023, 5:27 PM IST
सांसद ने किया स्टेडियम का निरीक्षण
जबलपुर।जिले के रवि शंकर स्टेडियम का आज जबलपुर के सांसद राकेश सिंह ने निरीक्षण किया. सांसद ने स्टेडियम के मेंटेनेंस और निर्माण लागत के आधार पर इसको किराए पर देने की प्रक्रिया को समझा. इसके बाद राकेश सिंह का यह बयान सामने आया है कि "हो सकता है यह स्टेडियम आम आदमियों के उपयोग में नहीं आ पाएगा, क्योंकि इसकी मेंटेनेंस कॉस्ट ही इतनी ज्यादा है कि इसमें एंट्री फीस बहुत अधिक लगेगी.
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बना स्टेडियम:जबलपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रविशंकर स्टेडियम का उन्नयन किया गया है. यह काम लगभग 66 करोड़ लागत से किया गया. रविशंकर स्टेडियम जबलपुर का एक पुराना स्टेडियम था, जो लगभग 50 साल पहले बनाया गया था. यह एथलेटिक्स का स्टेडियम था, लेकिन यह पुराने ढर्रे का बना हुआ था. इस स्टेडियम के उन्नयन को लेकर स्मार्ट सिटी ने प्रोजेक्ट शुरू किया. इसके तहत स्टेडियम की पुरानी इमारत की जगह एक बेहद अत्याधुनिक लगभग 55 करोड़ लागत की इमारत बनाई गई है. जिसमें इनडोर बैडमिंटन टेबल टेनिस जिम जैसी सुविधाएं विकसित की गई. वहीं मैदान पर ट्रैक बिछाया गया है. मैदान की हाईट ऊंची की गई है.
रविशंकर स्टेडियम
मैदान में लगाए गए टर्की का रबर बेस: स्टेडियम के मैदान को भी लगभग 8 करोड़ रुपए की लागत लगाकर तैयार किया गया है. इसमें टर्की से रबर का बेस बुलाया गया है और धावकों के लिए इसे बिछाया गया है. मैदान और इमारत बेहद खूबसूरत है और अत्याधुनिक है, लेकिन यहां दूसरी समस्या खड़ी हो गई है, केवल इस मैदान के रखरखाव में हर महीने लगभग डेढ़ से ₹200000 का खर्च होगा. यदि यह खर्च नहीं किया गया तो यह सारी खूबसूरती बदसूरती में बदल जाएगी. अब समस्या यह है कि यह ₹200000 कौन देगा. इसलिए स्मार्ट सिटी इस काम को किसी प्राइवेट पार्टनर को देना चाह रही है, लेकिन यदि इस पूरे स्टेडियम कॉपलेक्स को कोई प्राइवेट फॉर्म संचालित करती है तो उसका खर्च कहां से निकलेगा, क्योंकि ₹200000 की फीस देकर कोई खिलाड़ी यहां खेलने नहीं आएगा.
आम आदमी नहीं दे पाएगा स्टेडियम की फीस: यहां सामान्य तौर पर ऐसे खिलाड़ी आते थे, जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे. वे यहां पर गोला फेक, दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद जैसे एथलेटिक्स खेलों की तैयारी करते थे. इसके अलावा जूडो कराटे के कई क्लब यहां चलते थे. इन सब से भी बढ़कर जबलपुर का यह स्टेडियम आम लोगों के लिए वॉकिंग के इस्तेमाल में आता था, लेकिन इसके उन्नयन के बाद अब इसमें बिना एंट्री फीस के कोई भी खिलाड़ी अंदर नहीं जा सकता. जाहिर सी बात है कि सब खिलाड़ियों के पास खासतौर पर जबलपुर में इतना पैसा नहीं होता कि वे महंगे संसाधनों का उपयोग कर सकें. जबलपुर के सांसद राकेश सिंह ने आज इस स्टेडियम का दौरा किया. उनका भी यही कहना है कि "अभी इस बात पर सवाल है कि इतनी महंगी सुविधा कोई आम आदमी इस्तेमाल कर भी पाएगा या नहीं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जो निर्माण किए गए हैं. उनका पैसा उनके इस्तेमाल करने वालों से फीस के रूप में वसूला जाएगा. जबलपुर में ऐसे लगभग 1000 करोड़ के निर्माण का काम किए गए हैं. अब इनको कोई किराए से लेने को तैयार नहीं है, क्योंकि इनकी निर्माण लागत और इनका मेंटेनेंस कॉस्ट इतना अधिक है कि लोग इतनी अधिक फीस नहीं दे सकते.