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One Nation One Election: राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का बयान, भारतीय लोकतंत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' लागू नहीं किया जा सकता - भारतीय लोकतंत्र में वन नेशन वन इलेक्शन लागू

देश में वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विवेक तंखा ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में वन नेशन वन इलेक्शन लागू नहीं किया जा सकता.

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राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का बयान

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 9:51 PM IST

राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का बयान

जबलपुर। कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विवेक तंखा का कहना है कि "वन नेशन वन इलेक्शन की थ्योरी भारत में काम नहीं करेगी, क्योंकि हमारे यहां कई बार हंग पार्लियामेंट बनती है, ऐसी स्थिति में चुनाव को रोका नहीं जा सकता." वहीं, मध्य प्रदेश की जन आशीर्वाद यात्रा पर विवेक तंखा का कहना है कि मध्य प्रदेश की 70% आबादी परेशान और दु:खी है. ऐसी स्थिति में उन्हें नहीं लगता की जनता भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद देगी.

वन नेशन वन इलेक्शन एक राजनीतिक बयान: राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का कहना है कि "वन नेशन वन इलेक्शन एक राजनीतिक बयान हो सकता है, लेकिन इसे हमारे लोकतंत्र में लागू करना कठिन है. क्योंकि व्यावहारिक तरीके से इसमें कई समस्याएं हैं जैसे उन्होंने उदाहरण दिया कि 1990 के दशक में भारत में कई बार ऐसी स्थिति बनी की लोकसभा में किसी को भी बहुमत नहीं मिल पाया. ऐसी हालत में 5 साल में 3 बार चुनाव हुए थे. यदि ऐसी स्थिति बनती है तो वन नेशन वन इलेक्शन का कॉन्सेप्ट काम नहीं करेगा. यदि हंग पार्लियामेंट आती है तो राष्ट्रपति शासन को भी 1 साल से ज्यादा लंबे समय तक नहीं लगाया जा सकता. इसलिए इस बदलाव में कई व्यावहारिक परेशानियां हैं जिसकी वजह से यह लागू नहीं किया जा सकता. "

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मध्य प्रदेश में शुरू होने वाली जन आशीर्वाद यात्रा पर विवेक तंखा का कहना है कि "मध्य प्रदेश की जनता परेशान है फिर भारतीय जनता पार्टी के नेता किस बात का आशीर्वाद लेने के लिए यात्राएं निकाल रहे हैं. वह कल मालवा के दौरे पर थे और वहां लोगों ने बताया कि उन्हें बिजली नहीं मिल रही है और बिजली नहीं आने की वजह से वह फसलों में सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. उनकी सोयाबीन की फसल सूख रही है. किसानों का कहना है कि उन्होंने महंगे बीज लिए हैं बारिश नहीं हो रही है. ऐसी स्थिति में सिंचाई ही एकमात्र विकल्प है और बिजली नहीं होने की वजह से सिंचाई नहीं हो पा रही है."

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