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जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में एथेलिटिक मीट, देशभर से जुटेंगे 150 खिलाड़ी, इस मैदान पर आयोजित होगा कार्यक्रम

Ordnance Factory Khamaria Athletics Meet: जबलपुर में स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में 28 नवंबर से 30 नवंबर को चर्चित एथिलिटिक्स मीट का आयोजन होगा. मीट ईस्ट लैंड ओलंपकि ग्राउंड में आयोजित की जाएगी. जानें क्या रहेगा खास..

Jabalpur News
ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 27, 2023, 9:57 PM IST

जबलपुर। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का काम बेहद जोखिम और सतर्कता भरा हुआ है. हथियारों में कुछ ऐसी बारूद का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसमें हल्की सी रगड़ से ही विस्फोट होने की संभावना होती है. ऐसी स्थिति में फैक्ट्री के कर्मचारियों का चुस्त दुरुस्त होना जरूरी है. इसलिए फैक्ट्री कर्मचारी की सेहत का ध्यान रखते हुए ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया ने एथलेटिक्स का आयोजन किया है. इसमें फैक्ट्री के कर्मचारी अलग-अलग विधाओं में एथलेटिक्स के खेलों में हिस्सा ले रहे हैं.

ये क्या है इस आयोजन में खास: जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में एथलेटिक्स का आयोजन किया जा रहा है. यह एथलीट खेल 28 नवंबर से 30 नवंबर तक होंगे और इनमें म्युनिशन इंडिया लिमिटेड की 16 कंपनियों के 150 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. इस आयोजन में कुल मिलाकर 39 इवेंट्स होंगे. यह सभी इवेंट खमरिया फैक्ट्री के ईस्ट लैंड में ओलंपिक ग्राउंड में किए जाएंगे.

ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में 3000 से ज्यादा स्थाई कर्मचारी हैं. इसके अलावा 1000 की लगभग कॉन्ट्रैक्ट वर्कर है. हालांकि, यह आयोजन केवल स्थाई रूप से पदस्थ कर्मचारियों के लिए किया जा रहा है. ऑर्डनेंस फैक्ट्री कमरिया के महाप्रबंधक में हालदार ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में ज्यादातर 30 से 40 उम्र के लोग काम करते हैं. इसलिए उनकी सेहत को ध्यान में रखते हुए एथलेटिक्स का खेल चुना गया था.

इस आयोजन में कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है. इसमें आर्मी बैंड अपनी प्रस्तुति देगा. इस कार्यक्रम में बी एरिया के जीओसी परम विशिष्ट सेवा मेडल लेफ्टिनेंट जनरल एमके दास मुख्य अतिथि होंगे.

औपचारिकता बनकर रह गया ये आयोजन: किसी जमाने में जबलपुर का ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया का यह आयोजन एक बड़ा इवेंट माना जाता था. जबलपुर के लोग इस आयोजन को देखने के लिए जाते थे. फैक्ट्री में हजारों कर्मचारी थे. उनके परिवार के लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने के लिए आते थे. इस पूरे इलाके में मेला जैसा माहौल होता था. अब यह आयोजन एक औपचारिकता बनकर रह गई है. हालांकि, अभी भी फैक्ट्री के महाप्रबंधक का कहना है कि सांस्कृतिक और शारीरिक आयोजनों से फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को ऊर्जा मिलती है.

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