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MP High Court Hearing: चिंकारा हिरण का शिकार करने वालों पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई, हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 4 हफ्तों में मांगा जवाब

चिंकारा हिरण का शिकार कर उसके मीट ट्रांसपोर्टेशन करने वालों पर कार्रवाई न करने को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने वन अधिकारियों से जवाब देने को कहा है. इसके लिए हाईकोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों से 4 हफ्तों में जवाब देने को कहा गया है.

MP High Court Today's News
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 7, 2023, 4:16 PM IST

जबलपुर।दक्षिण एशिया में पाए जाने वाले छोटे हिरण चिंकारा का शिकार कर, उसके मीट का ट्रासपोर्टेशन करने वालों पर कार्रवाई न करने को लेकर मप्र हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. दो जजों वाली बेंच ने वन अधिकारियों से पूछा है कि अबतक मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इस मामले में संज्ञान लेने वाली दो जजों की पीठ में चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा हैं.

क्या है पूरा मामला:दरअसल, टीकमगढ़ के रहने वाले प्रकाश प्रजापति ने अपनी ओर से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. इसमें कहा गया- आबकारी अधिकारियों ने 20 मई 2010 को सफेद बोलेरो गाड़ी से अवैध शराब और चिंकारा का चार किलो मीट जब्त किया था. इसके बाद आबकारी विभाग ने तत्काल उक्त मीट को टीकमगढ़ के वन अधिकारियों को सौंप दिया.

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उसके दूसरे दिन मीट को जांच के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून भेजा गया. अगस्त 2010 में रिपोर्ट आई. इसमें पाया गया कि जप्त मीट चिंकारा का था. लेकिन इसके बाद भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. याचिकाकर्ता ने आरटीआई के तहत डीएफओ टीकमगढ़ से मामले की जानकारी मांगी, लेकिन उन्हें अधूरी जानकारी दी गई.

मामले में आबकारी विभाग से दस्तावेजों सहित पूरी जानकारी लेकर पीसीसीएफ को पत्र भेजकर कार्रवाई की जाने की मांग की गई थी. लेकिन उसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई. तब जाकर याचिका को हाईकोर्ट में दाखिल किया गया.

मामले में वन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल और वन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ को पक्षकार बनाया गया. सुनवाई के बाद न्यायलय ने नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब देने को कहा है. पूरे मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता मनीष वर्मा ने अपना पक्ष रखा.

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