जबलपुर। मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने भारतीय जनता पार्टी से सवाल पूछे हैं कि कमलनाथ सरकार के दौरान, जब वे मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री बने, तब उन्होंने जबलपुर के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पारित कर दिए थे. लेकिन शिवराज सरकार के आने के बाद बजट में प्रावधान होने के बाद भी इन इन कामों को पैसा नहीं दिया गया. उन्होंने जो सवाल किए हैं, आइए जानते हैं...
तरुण भनोट के सवाल:
1.जबलपुर के शास्त्री ब्रिज के ऊपर एक ब्रिज और बनाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया था .
2.जबलपुर में एक टाइगर सफारी स्वीकृत की गई थी .
3.जबलपुर के तिलवारा घाट से लेकर भटौली घाट तक एक रिवर फ्रंट बनाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया था .
4. जबलपुर की मेडिकल कॉलेज में एक डेंटल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दी गई थी इसके लिए भी बजट में प्रावधान किया गया था.
5. जबलपुर शहर से डुमना एयरपोर्ट तक एक फोरलेन रोड बनाने के लिए बजट में पैसा दिया गया था इस रोड का काम भी शुरू हुआ लेकिन सी ने इस पर आपत्ति लगा दी तरुण भनोट का आरोप है कि जब राज्य और केंद्र दोनों जगह पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तो इस काम को रोका कैसे गया ।
6. जबलपुर में एक डेरी टेक्नोलॉजी कॉलेज खोलने का प्रावधान बजट में किया गया था .
7. एक क्रिकेट मैदान मैं स्टेडियम बनाने के लिए बजट में स्वीकृति दी गई थी .
8. हाई कोर्ट के तहसील चौक से रद्दी चौकी तक एक फ्लावर बनाने के लिए प्रस्ताव रखा गया था .
अगर ये सब होता तो जबलपुर का विकास होता: तरुण भनोट के अनुसार यदि जबलपुर के विकास के लिए यह सब काम होते तो जबलपुर की आर्थिक गतिविधि बढ़ती. जबलपुर का पर्यटन सुधरता जबलपुर के लोगों को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं मिलती. जबलपुर के लोगों को रोजगार उन्मुख शिक्षा दी जा सकती थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद जबलपुर के जनप्रतिनिधियों ने जबलपुर की इन मांगों को राज्य सरकार के सामने नहीं उठाया. इसलिए जबलपुर का विकास नहीं हुआ.