Jabalpur News: हे भगवान! ऐसी बेटी किसी को न देना, आखिर मरने से पहले मां ने क्यों कहे ये शब्द
जबलपुर में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां चंद दिनों की मेहमान बीमार मां की देखभाल करने से उसकी बेटी ने इनकार कर दिया. जिसके बाद उसे सड़क किनारे बेसहारा रहना पड़ा. आखिरकार, उसने मुफलिसी में ही दम तोड़ दिया.
मरने से पहले माँ ने क्यों कहे ये शब्द
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Published : Mar 2, 2023, 10:59 PM IST
जबलपुर।कहा जाता है कि बेटी लक्ष्मी का स्वरूप होती है. जिस घर में बेटियां होती हैं, वह घर स्वर्ग से भी बढ़कर होता है. माता-पिता की सेवा करने में भी बेटियों को बेटों से आगे कहा जाता है लेकिन जबलपुर में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने इस राय को बदलने का काम किया है.
बेटी ने देखरेख करने से किया इनकारः दो दिन पहले एक महिला शीलू ठाकुर को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था. शीलू की दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं और डॉक्टर्स ने उसे कुछ ही दिन का मेहमान बताया था. इस दौरान जब उसकी बेटी खुशी से मां को घर ले जाकर देखरेख करने को कहा गया तो उसने यह कहकर इनकार कर दिया कि यदि वह देखरेख करेगी तो कमाएगी कब. इसके बाद महिला का मुंहबोला भाई उसे अपने साथ ले आया.
ये है मामलाः बताया जा रहा है कि शीलू मूल रूप से शास्त्री नगर की रहने वाली थी और कुछ समय से रद्दी चौकी के पास रह रही थी. आय के साधन न होने और परिवार में कोई सदस्य न होने के कारण उसका जीवन मुश्किल से कट रहा था. शीलू का भाई एक मंदिर के बाहर रहता है, जो दिनभर मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है. वह सड़क किनारे कंबल बिछाकर शीलू को लिटाकर रखता था. एक राहगीर की नजर शीलू पर पड़ी तो उसने उससे बातचीत की. शीलू ने कहा कि मेरी बेटी ने मुझे अपनाने और देखभाल करने से इनकार कर दिया. महिला ने दुख भरे दिल से कहा कि भगवान ऐसी बेटी किसी न दे, जो अपनी मां के दुख भरे समय में साथ न दे सके. गुरुवार दोपहर शीलू की मौत हो गई, जिसके बाद समाजसेवी इनायत अली ने उसका अंतिम संस्कार करवाया.