जबलपुर। नौरादेही के जंगलों में कई ऐसी रहस्यमई चीजे हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है. यहां कई ऐसे रहस्यमय झरने हैं जिनमें पानी कहां से आता है इसका कोई अंदाजा नहीं लग सकता. जबलपुर का निदान फॉल इनमें से एक है. वहीं जबलपुर-भोपाल रोड पर पोडाझिर नाम से एक झरना है यह भी एक रहस्यमई झरना है, जो साल में 6 महीने तक अपनी खूबसूरती बिखेरता है.
पोडाझिर एक रहस्यमय झरना:जबलपुर से भोपाल रोड पर नौरादेही का खूबसूरत अभ्यारण है. इसका कुछ हिस्सा जबलपुर-भोपाल रोड पर पड़ता है जिसमें सड़क नौरादेही के घने जंगलों और ऊंची ऊंची पहाड़ियों के बीच से होकर निकलती है. यह लगभग 30 किलोमीटर का इलाका है, जिसमें सड़क जंगल से होकर निकलती है. इसी जंगल के बीच में एक पहाड़ी पर एक छोटा सा झरना है जो देखने में बेहद खूबसूरत है और सड़क से गुजरने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इसके आसपास कोई बस्ती नहीं है, थोड़े दूर कुछ आदिवासी गांव हैं.
झरने का नर्मदा से नहीं संबंध: आदिवासियों का कहना है कि ''वह इसे पोडाझिर के नाम से जानते हैं. जब कभी नर्मदा नदी अपने ऊफान पर होती है तब यह झरना बहने लगता है.'' ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट में देखा कि यहां से नर्मदा नदी लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है और झरने से सीधे तौर पर नर्मदा का कोई संबंध नहीं है. हालांकि झरने के ठीक ऊपर एक बहुत बड़ी पहाड़ी है और ऐसी संभावना है की पहाड़ी के ऊपर कहीं पानी रुका हुआ है, जिसकी वजह से यह झरना बहता है. झरने के लिए आने वाली जल रेखा को देखा तो महज 50 फीट की दूरी पर चट्टानों के बीच से पानी रिस रहा था जिससे यह धारा चल रही थी. अब यह रहस्य ही है कि यह पानी आखिर कहां से आ रहा है. क्योंकि इतनी बड़ी तादाद में पानी के रिसाव के लिए पानी का कोई स्रोत आसपास होना जरूरी है. या फिर हो सकता है कि यह पहाड़ बरसात का पानी अवशोषित कर लेता हो और उसे ही झरने के रूप में बाहर निकलता हो.