जबलपुर। गर्मी बढ़ने के साथ ही खुशबुओं का कारोबार भी बढ़ जाता है. डियो और परफ्यूम के इस जमाने में लोग इत्र को खूब पसंद कर रहे हैं. भीनी खुशबू वाले इत्र किसे पसंद नहीं होता. जबलपुर में इत्र का कारोबार करने वाले श्रीकांत मिश्रा एक खास किस्म के इत्र की महक शहर में फैला रहे हैं. उसके पास खस की जड़ों से बना इत्र मौजूद है, जो ₹1 लाख प्रति किलो तक बिकता है. यह इत्र कन्नौज में बनाया जाता है. बता दें कि कन्नौज इत्र बनाने और देश दुनिया में सप्लाई का केन्द्र है.
मुस्लिम और इत्र:मुस्लिम धर्मावलंबी इत्र को पाक और रूहानी मानते हैं. इसलिए जब भी वे खुदा की इबादत करने के लिए जाते हैं तो इत्र जरूर लगाते हैं. जबलपुर में इत्र का कारोबार करने वाले श्रीकांत मिश्रा बताते हैं कि ''मुस्लिम समाज के त्योहारों के दौरान इत्र के खरीददार बढ़ जाते हैं और इसे कुछ लोग चादर में इत्र लगाकर चढ़ाते हैं. उनकी कोशिश होती है कि उनके पूर्वजों के लिए महंगे से महंगा इत्र वे चादर में लगाकर चढ़ा सकें. कुछ लोग शौकिया इत्र लगाते हैं. शौक में भी मुस्लिम समाज के लोग परफ्यूम की जगह इत्र लगाना ज्यादा पसंद करते हैं और महंगे से महंगा इत्र खरीदते हैं.''
हिंदुओं में पूजा का सामान:हिंदुओं में भी पूजा के दौरान इत्र का प्रयोग किया जाता है और भगवान के श्रृंगार के बाद उन्हें इत्र चढ़ाया जाता है. लेकिन सामान्य तौर पर पहले हिंदू लोग बहुत महंगा इत्र पूजा के लिए इस्तेमाल नहीं करते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे चलन बदल रहा है और अब लोग महंगा इत्र भगवान को समर्पित करते हैं और बीते कुछ दिनों से इसकी मांग बड़ी हुई नजर आ रही है, क्योंकि लोगों में पूजा पाठ करने का चलन कुछ बड़ा है.