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Jabalpur Hospital Fire : लापरवाही बरतने पर संभागीय यंत्री शैलेंद्र गौरव और उपयंत्री अक्षय सरागवी सस्पेंड

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Published : Aug 6, 2022, 12:43 PM IST

जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए अग्निकांड के मामले में लापरवाही बरतने पर संभागीय कार्यालय में पदस्थ उपयंत्री अक्षय सरागवी और संभागीय यंत्री शैलेंद्र गौरव को सस्पेंड कर दिया गया है. जबलपुर जिला कलेक्टर इलैया राजा टी के निर्देश पर नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ ने ये कार्रवाई की है. अस्पताल से संबंधित भवन अनुज्ञा और अतिक्रमण आदि बिंदुओं पर जांच में कई गड़बड़ियां मिली हैं. (Divisional Engineer and Deputy Engineer suspend) (Action in Jabalpur Hospital Fire case)

Jabalpur Hospital Fire
संभागीय यंत्री शैलेंद्र गौरव और उपयंत्री अक्षय सरागवी सस्पेंड

जबलपुर। न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए अग्निकांड के बाद परत दर परत पूर्व में की गईं कई लापरवाही का खुलासा हो रहा है. इसके लिए दोषी लोगों को दंड देने का कार्य भी शुरू हो चुका है. जबलपुर जिला कलेक्टर इलैया राजा टी के निर्देश पर नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ ने अग्निकांड का शिकार हुए अस्पताल से संबंधित भवन अनुज्ञा, अतिक्रमण आदि बिंदुओं पर बारीकी से जांच करवाई गई. इसके बाद यह स्पष्ट हुआ कि उक्त अस्पताल द्वारा नगर निगम को गलत जानकारी देते हुए भूतल और प्रथम तल का नक्शा और इसी के अनुरूप फायर प्लान जमा किया किया था. बाद में इस अस्पताल ने एक मंजिला और अतिरिक्त निर्माण कर लिया.

जांच में मिली लापरवाही :निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने बताया कि इस मामले में लापरवाही उजागर होने पर संभागीय कार्यालय में पदस्थ उपयंत्री अक्षय सरागवी और संभागीय यंत्री शैलेंद्र गौरव को निलंबित किया गया है. अपने अधिकार क्षेत्र में इन अधिकारियों की जवाबदारी होती है कि वे भवन अनुज्ञा भवन अनुज्ञा के बिना किए गए निर्माण पर नजर रखें और नोटिस देकर कार्रवाई करें. उपयंत्री को निगमायुक्त के आदेश पर निलंबित किया गया है. वहीं संभागीय यंत्री के निलंबन का प्रस्ताव बनाकर आयुक्त द्वारा संभागीय आयुक्त को प्रेषित किया गया. इस पर संभागीय आयुक्त ने संभागी यंत्री को निलंबित कर दिया है. वहीं जिले के अस्पतालों में नियमों के पालन की सख्त जांच की जा रही है.

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दो दिन में 24 अस्पतालों का पंजीयन निरस्त :इस बीच फायर एनओसी सहित दूसरी कई जरूरी अनुमतियां नहीं होने पर स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन की जांच में 24 अस्पतालों का पंजीयन निरस्त कर दिया है. अब इन अस्पतालों में नए मरीज भर्ती नहीं किए जा सकेंगे. वहीं जो मरीज इलाजरत हैं, उन्हें समुचित उपचार देना इन अस्पतालों की जिम्मेदारी है. स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम शहर के सभी अस्पतालों की जांच कर रही है. शहर के जिन अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है, ये अस्पताल साठगांठ से बिना फायर एनओसी सहित मान्यता सम्बन्धी औपचारिकताओं को पूरा किए बिना संचालित हो रहे थे.इन अस्पतालों में वैकल्पित निकास द्वार नहीं हैं. इसके अलावा आपात स्थिति से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. ऐसे में यहां पर आगजनी से लेकर दूसरी घटनाओं की आशंका बनी रहती थी. प्रारंभिक जांच के बाइ इन अस्पतालों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है.

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