जबलपुर।प्रदेश के जेलों में क्षमता से दुगने कैदियों के निरुद्ध होने के मामले को संज्ञान में लेकर हाईकोर्ट की सुनवाई जारी है. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्ही के शुक्ला को बताया गया कि जमानत के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अर्नेश कुमार के मामले में जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद हाई पाॅवर कमेटी को निर्देशित किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश तथा पारित आदेश का पालन ईमानदारी पूर्वक करने के लिये डीजी जेल संचालक अभियोजन तथा डीजीपी को निर्देशित करें.
131 जेलों में 45582 कैदी निरुद्ध
कोरोना महामारी तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए सजायाफ्ता और अंडर ट्रायल कैदियों को अस्थाई जमानत का लाभ दिये जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये थे. संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान पूर्व में जेल महानिर्देशक ए कुमार की तरफ से बताया गया था कि सात मई तक प्रदेश की 131 जेलों में 45582 कैदी निरुद्ध हैं. प्रदेश के जेलों की कुल क्षमता 28,675 कैदियों की है. जेल में निरुद्ध 30982 कैदी अंडर ट्रायल हैं तथा 14,600 कैदी सजायाफ्ता हैं, जिसमें से 537 महिला कैदी हैं.
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