जबलपुर। मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच चल रहा विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है. शराब ठेकेदारों की ओर से दायर की गई याचिका पर आज जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, शराब ठेकेदारों ने हाल ही में सरकार की तरफ से किए गए नीतिगत संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से हाईकोर्ट में आश्वासन दिया गया है कि इस मामले की अगली सुनवाई तक ठेकेदारों के खिलाफ सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी.
अगली सुनवाई तक शराब ठेकेदारों पर सरकार न करे कोई कार्रवाईः हाई कोर्ट
पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच विवाद चल रहा है, जिसे शराब ठेकेदारों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक शराब ठेकेदारों पर सरकार न करे कोई कार्रवाई और आपस में समन्वय बनाने का प्रयास भी करे.
शराब ठेकेदारों की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान शराब दुकानों को खोलने की अनुमति तो दे रही है, लेकिन नियम ऐसे बना दिए गए हैं कि ठेकेदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. शराब ठेकेदार सरकार को निश्चित राजस्व देने की हालत में भी नहीं हैं, उनका आरोप है कि हाल ही में राज्य सरकार ने नीतिगत संशोधन करते हुए ठेकेदारों पर दबाव बनाने की कोशिश की है.
हाल ही में राज्य सरकार ने शराब नीति में संशोधन कर ठेकेदारों की ठेका अवधि बढ़ा दिया था, लेकिन फीस की रकम कम नहीं की थी. साथ ही शराब दुकान बंद करने पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण वसूली का प्रावधान भी बना दिया था. जिसे ठेकेदार संघ ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. फिलहाल इस मामले पर सुनवाई अब 2 जून को होनी है, हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार और शराब ठेकेदार आपसी समन्वय बनाने की कोशिश करें.