जबलपुर। पिछले 6 दिन से चली आ रही जबलपुर जिला अधिवक्ता संघ की हड़ताल के बाद मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने भी कड़ा निर्णय लिया है. सामान्य सभा की बैठक में राज्य अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा लागू की गई 3 माह में 25 प्रकरणों के निराकरण की अनिवार्यता को 21 मार्च तक वापस लिया जाए. अगर ऐसा नहीं गया तो प्रदेश के सभी वकील 23 मार्च से न्यायालयीन कार्य से छुट्टी ले लेंगे.
6 दिन से हड़ताल जारी:परिषद के वाइस चेयरमेन आरके सिंह सैनी ने बताया कि पुराने 25 प्रकरणों को लेकर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जो आदेश पारित किया गया है, उसके विरोध में सप्ताह भर से प्रदर्शन चल रहे हैं. इस आदेश से वकील और पक्षकार भारी दबाव में आ गए हैं. नियत समय-सीमा के भीतर पुराने मामले निपटाने के चक्कर में पक्षकारों को न्याय मिलने के स्थान पर महज मामलों का निपटारा होने जैसे हालत पैदा हो जाएंगे. इससे न्यायपालिका का मूलभूत उद्देश्य न्याय दान बाधित होगा. अधिवक्ताओं और पक्षकारों को अति आवश्यक होने पर भी आगामी तिथि दिए जाने की सुविधा से वंचित किया जाएगा.