जबलपुर। जमानत के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में अग्रिम जमानत के लिए आरोपियों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. जस्टिस अतुल श्रीधरन ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि शिकायतकर्ता ने जनसेवक होने के बावजूद भी जमानत के लिए रिश्वतदी. एकलपीठ ने शिकायतकर्ता के लिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं. एकलपीठ ने सीबीआई को प्रकरण दर्ज कर याचिकाकर्ता के आरोपों की जांच के निर्देश दिये हैं. इसके अलावा अन्य व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाने के निर्देश हाईकोर्ट रजिस्टार को देते हुए याचिका को खारिज कर दिया.
गाजीपुर निवासी सूरजमल अम्बेडर की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि एनसीएल सिंगरौली में कोल माइंस का टेंडर दिलवाने के नाम पर जीएम कार्यालय में पदस्थ बाबू के पद पर पदस्थ दिलीप कुमार श्रीवास्तव को दस लाख रूपये रिश्वत में दिये थे. उसका कहना था कि अधिकारियों से सेटिंग हो गई है. टेंडर कंपनी को मिलेगा. रिश्वत की उक्त रकम उसने स्वंय तथा अपने कर्मचारी संतोश कुमार पानकी तथा ड्राइवर बुध्दसेन पटैल के माध्यम से दी थी. टेण्डर नहीं मिलने पर रकम वापस मानने पर दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज करवा दिया.