जबलपुर।एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए डिण्डौरी स्थित नर्मदा पैरामेडिकल साइंस कॉलेज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेन्द्र सिंह ने पाया कि कॉलेज ने यूनिर्विर्सटी से बिना आवेदन लिये छात्रों को दाखिला दिया था. युगलपीठ ने कॉलेज पर पचास हजार रूपये की कॉस्ट लगाते हुए प्रत्येक छात्र को 25-25 हजार रूपये हर्जाना के तौर पर देने के निर्देश जारी किये हैं.
50 विर्द्यार्थियों को दिया गया था दाखिला: डिण्डौरी स्थित नर्मदा पैरामेडिकल कॉलेज की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश पैरामैडिकल काउसिंल से मान्यता के आधार पर शैक्षणिक सत्र 2018-19 में दो साल के लैब टैक्निशियन के कोर्स में 50 विर्द्यार्थियों को दाखिला दिया गया था. अब यूनिवर्सिटी विर्द्याथियों को परीक्षा में शामिल नहीं कर रही है, दो साल तक पढ़ाई करने के बावजूद भी मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किये जाने के कारण विद्यार्थियों का अमूल्य समय बर्बाद होगा.