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जबलपुर हाईकोर्ट से नाबालिग को गर्भपात की इजाजत, बशर्ते ट्रायल के दौरान बयान से नहीं मुकरेगी पीड़िता-परिजन - abortion rape victim

Jabalpur HC Permission for Abortion: जबलपुर हाइकोर्ट ने शर्त के तहत नाबालिग के गर्भपात कराने की अनुमति दी है. ट्रायल के दौरान पीड़िता और उसके पिता को बयान से नहीं मुकरने के संबंध में हलफनामा पेश करने के आदेश दिए हैं.

Jabalpur High Court abortion permission
जबलपुर हाइकोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 10, 2024, 9:34 AM IST

Updated : Jan 10, 2024, 11:11 AM IST

जबलपुर। बलात्कार पीड़िता नाबालिग लड़की ने गर्भपात के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान पेश की गयी मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया कि गर्भपात संभव है. हाईकोर्ट जस्टिस जी एस अहलुवाहिला की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पीड़िता तथा उसके पिता सीजेएम सागर के समक्ष हलफनामा पेश करें. आरोपी ने बलात्कार किया था और गर्भपात की अनुमति के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता तथा उसके पिता विवेचना अधिकारी के समक्ष भी हलफनामा पेश करें कि वह ट्रायल के दौरान अपने आरोपों से नहीं मुकरेंगे.

शादी का झांसा देकर किया था बलात्कार: नाबालिग बलात्कार पीड़िता की तरफ से पेश की गयी याचिका में कहा गया था कि उसकी मां एक व्यक्ति के घर करती थी. उसी घर में आरोपी कपिल लोधी कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करता था. इस दौरान दोनों में दोस्ती हो गयी. आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किये. आरोपी ने खुरई ले जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किये थे, जिसके बाद वह गर्भवती हो गयी थी. नाबालिग ने 23 अक्टूबर 2023 में आरोपी के खिलाफ सागर जिले के कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पुलिस ने पास्को,बलात्कार सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है.

हाईकोर्ट में लगाई थी गर्भपात की याचिका: याचिका में कहा गया था कि उसके गर्भ में लगभग 9 सप्ताह का भ्रूण है. याचिकाकर्ता के पिता नहीं चाहते की उसकी बेटी एक बलात्कारी के बच्चे को जन्म दें. इसके अलावा पीड़िता की उम्र 17 साल है, जिसके कारण बच्चे को जन्म देने में उसकी जान को खतरा है. एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए गर्भपात के संबंध में पीड़ित के मेडिकल जांच के निर्देश दिये थे. जिसके लिए विशेष डॉक्टरों की मेडिकल कमेटी गठन के आदेश भी एकलपीठ द्वारा जारी किये गये थे. मेडिकल जांच में गर्भपात की संभावना बताई गयी थी.

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ट्रायल के दौरान बयान से नहीं मुकरें: एकलपीठ ने नाबालिग पीड़ित को सशर्त गर्भपात की अनुमति प्रदान की है. एकलपीठ ने सीजीएम सागर को निर्देशित किया है कि ट्रायल के दौरान पीड़िता व उसके पिता अपने बयान से मुकरते हैं या पीड़िता खुद को बालिग बताती है तो उसके द्वारा पेश किये गये हलफनामा के साथ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करें. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि हलफनामा प्रस्तुत करने बाद ही जांच अधिकारी पीड़िता को मेडिकल बोर्ड के समक्ष गर्भपात के लिए प्रस्तुत करें.

Last Updated : Jan 10, 2024, 11:11 AM IST

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