जबलपुर। भारत सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के आधार पर देश के सबसे स्वच्छ शहरों के नामों का एलान किया, जिसमें प्रदेश के दो शहर इंदौर और भोपाल को अहम स्थान मिला. लेकिन, संस्कारधानी कहा जाने वाला महाकौशल अंचल का जबलपुर शहर इसमें बुरी तरह से पिछड़ गया. जबलपुर को प्रदेश में आठवां तो देश में 24वां स्थान हासिल हुआ है.
स्वच्छता सर्वेक्षण में बुरी तरह पिछड़ा जबलपुर, उज्जैन और देवास जैसे छोटे शहर भी निकले आगे
स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में प्रदेश का जबलपुर शहर बुरी तरह से पिछड़ गया. स्वच्छता में जबलपुर का जहां प्रदेश में आठवां स्थान मिला तो वहीं देश में उसे 24वां स्थान मिला.
गौरतलब है कि नगर निगम जबलपुर ने इस बार दावा किया था कि स्वच्छता सर्वे में संस्कारधानी को अच्छे अंक हासिल होंगे, लेकिन सारे दावे फेल नजर आए. खास बात ये है कि अरबों रुपये खर्च करने के बाद भी जबलपुर प्रदेश के ही छोटे शहरों उज्जैन, देवास, खरगोन और नागदा जैसे शहरों से मात खा गया. जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण पर इस बार जबलपुर में जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा था. ऐसे में यही कहा जा सकता है कि जबलपुर का स्वच्छता सर्वे केवल बैनर-पोस्टर तक ही सीमित रहा. हालांकि जबलपुर से आठ किलोमीटर दूर बने प्रदेश के पहले स्वच्छता पार्क को बेस्ट इनोवेशन का अवॉर्ड मिला है.
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